श्रावण कृष्णपक्ष व्रत - कज्जली तृतीया

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


कज्जली तृतीया

यदि श्रावण कृष्ण तृतीयाको श्रवण नक्षत्र हो तो विष्णुका पूजन करके व्रत करे । इसमें परविद्धा ग्राह्य होती है । *

* तृतीया श्रावणे कृष्णा या स्याच्छ्रवणसंयुता ।

तस्यां सम्पूज्य गोविन्दं तुष्टिमग्रयामवाप्रुयात् ॥ ( हेमाद्रौ विष्णुधर्मोत्तरे )

N/A

References : N/A
Last Updated : January 20, 2009

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP