भजन - ब्रजके बिरही लोग बिचार...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


ब्रजके बिरही लोग बिचारे ।

बिन गोपाल ठगेसे ठाढे़ अति दुरबल तन हारे ॥

मात जसोदा पंथ निहारत निरखत साँझ सकारे ।

जो कोइ कान्ह कान्ह कहि बोलत अँखियन बहत पनारे ॥

यह मथुरा काजरकी रेखा जे निकसे ते कारे ।

परमानंद स्वामि बिनु ऐसे ज्यों चंदा बिनु तारे ॥

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Last Updated : December 21, 2007

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