हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|कबीर के दोहे|कबीर के दोहे २०१ से २५०|
हम तो भिकारी । मौजा करता ...

कबीर के दोहे - हम तो भिकारी । मौजा करता ...

कबीर के दोहे

हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।
Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".


हम तो भिकारी । मौजा करता लहरी ॥ध्रु०॥

पंच तत्त्वकी झोली सारी । रिद्धि सिद्धि प्यारी ।

चौदा रत्नें मेरे झोलीपर । रामनाम ललकारी ॥१॥

ये झोली गत हे न्यारी । रिद्धि सिद्धि प्यारी ।

भात भातके तुकडे मांगु । मौजा करता लहरी ॥२॥

पुरी फकीरी संतो तारी । नवखंड है फेरी दशावे द्वारीं अलख गावे ।

झोली हो गये भारी ॥३॥

कहत कबीर सुन भाई साधु । संतके है द्वारीं ।

रामनामके चरणीं लागे । गुरुकिल्ली है न्यारी ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 07, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP