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कहे कबीरा सुना धर्मदासा ।...

कबीर के दोहे - कहे कबीरा सुना धर्मदासा ।...

कबीर के दोहे

हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।
Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".


कहे कबीरा सुना धर्मदासा । सब दबाये न कल हंसा ।

काल दगोये सनत्कुवार ताको शब्द कहो पुकार ।

जल बांधु जलायेन बांधु । देवी अंध कुमारी ।

धर्मसहित संन्यासी बांधु । कोट आंगसे घाट संहारू ।

चंद्रसूरज तारांगण बांधु । धरती गगन बांधू जमचारी ।

ताडपर छी छत्र बांधू । हनुमंत बांधु बिरबलधारी ।

यंत्रको कोतल बांधु । जाहां था ताहां हाडारी ।

डांकिणी शंखिनी नारी बांधु । कुलबलाये विष्णूकूं बांधु ।

उत्तरदिसाये विभीषणकूं बांधु । मेरी वाचा परे ।

अनंतकोट सिधकी वाचा टरे । सतसुकृतकी फीरे द्वाही ।

लुत भुत सबी गई पराई ॥

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Last Updated : January 07, 2008

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