हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|कबीर के दोहे|कबीर के दोहे १०१ से १५०|
कोई कछु मन लागा । दिलबी ल...

कबीर के दोहे - कोई कछु मन लागा । दिलबी ल...

कबीर के दोहे

हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है।
Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".


कोई कछु मन लागा । दिलबी लागा मनबी लागा ।

जो वा मन गले धागारे ॥१॥

साचा दिलसू साहेब राजी । झूठा समान भागा ॥२॥

हंसाकी चाल तो हंसाही जाने । और क्या जाने कागा ॥३॥

कहत कबीर सुनो भाई साधु । भाग बंदी दा जागा ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 07, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP