पौष कृष्णपक्ष व्रत - रुक्मिणी अष्टमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


रुक्मिणी - अष्टमी

( व्रतकौस्तुभ ) - पौष कृष्ण अष्टमीको कृष्ण, रुक्मिणी और प्रद्युम्नकी स्वर्णमयी मूर्तियोंका गन्धयुक्त गन्धादिसे पूजनकर उत्तम पदार्थ अर्पण करे और शक्ति हो तो सुवासिनी अच्छे वस्त्रोंवाली ( सौभाग्यवती ) आठ स्त्रियोंको भोजन करवाकर दक्षिणा दे तो रुक्मिणीजीकी प्रसन्नता प्राप्त होती है ।

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Last Updated : January 01, 2002

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