मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - पिशाचमोचनयात्रा

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


पिशाचमोचनयात्रा

( काशीखण्ड ) - यह सांवत्सरिक यात्रा मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशीको होती है । उस दिन कपर्दीश्वर ( शिव ) के समीपमें स्त्रान करके यात्रा करे । इस यात्राके करनेवाले मनुष्यकी अन्यत्र मृत्यु होनेपर भी वह पिशाच नहीं होता और तीर्थपर लिये हुए दानादिका पाप नहीं रहता ।

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Last Updated : January 01, 2002

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