हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|देव-पूजामें विहित एवं निषिध्द पत्र-पुष्प| गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्प देव-पूजामें विहित एवं निषिध्द पत्र-पुष्प गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्प देवीके लिये विहित पत्र-पुष्प देवीके लिये विहित-प्रतिषिध्द पत्र-पुष्प शिव-पूजनके लिये विहित पत्र-पुष्प शिवार्चामें निषिध्द पत्र-पुष्प विष्णु-पूजनमें विहित पत्र-पुष्प विष्णुके लिये निषिध्द फूल सूर्यके अर्चनके लिये विहित पत्र-पुष्प सूर्यके लिये निषिध्द फूल फूलोंके चयनकी कसौटी गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्प प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्प Translation - भाषांतर गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्पगणेशजीको तुलसी छोड़कर सभी पत्र-पुष्प प्रिय हैं ।अत: सभी अनिषिध्द पत्र-पुष्प इनपर चढ़ाये जाते है । गणपतिको दूर्वा अधिक प्रिय है । अत: इन्हें सफेद या हरी दूर्वा अवश्य चढ़ानी चाहिये । दूर्वाकी कुनगीमें तीन या पाँच पत्ती होनी चाहिये । गणपतिपर तुलसी कभी न बढ़ाये । पद्मपुराण, आचाररत्नमें लिखा है कि 'न तुलस्या गणाधिपम्' अर्थात् तुलसीसे गणेशजीकी पूजा कभी न की जाय । कार्तिक-माहात्म्यमें भी कहा है कि 'गणेशं तुलसीपत्रैर्दुर्गां नैव तु दूर्वया' अर्थात् गणेशजीकी तुलसीपत्रसे और दुर्गाकी दूर्वासे पूजा न करे । गणपतिको नैवेद्यमें लड्डू अधिक प्रिय है । N/A References : N/A Last Updated : December 03, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP