हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|संध्या-प्रकरण|मध्याह्न-संध्या| सूर्योप स्थान मध्याह्न-संध्या सूर्योप स्थान विष्णुरुपा गायत्रीका ध्यान सायं-संध्या सूर्योप स्थान प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा सूर्योप स्थान Translation - भाषांतर ( प्रातः-संध्याके अनुसार करे )प्राणायामके बाद ’ॐ सूर्यश्च मेति’ के विनियोग तथा आचमन-मन्त्रके स्थानपर नीचे लिखा विनियोग तथा मन्त्र पढे।विनियोग-ॐ आप: पुनन्त्विति ब्रम्हा ऋषिर्गायत्री छन्द: आपो देवता अपामुपस्पर्शने विनियोग:।आचमन-ॐ आप: पुनन्तु पृथिर्वी पृथ्वी पूता पुनातु माम्।पुनन्तु ब्रह्मणस्यतिर्ब्रह्मपूता पुनातु माम्। यदुच्छिष्टमभोज्यं च यद्वा दुश्चरितं मम। सर्वं पुनन्तु मामापोऽसतां च प्रतिग्रह स्वाहा।उपस्थान-चित्रके अनुसार दोनों हाथ उपर करे।अर्घ्य-सीधे खडे होकर सूर्यको एक अर्घ्य दे। N/A References : N/A Last Updated : November 27, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP