Dictionaries | References स संप्रति मौर्य Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 संप्रति मौर्य प्राचीन चरित्रकोश | Hindi Hindi | | संप्रति मौर्य n. मगध देश का एक राजा, जो अशोक राजा का पौत्र, एवं कुनाल का पुत्र था । इसे चंद्रगुप्त (द्वितींय) नामांतर भी प्राप्त था । इसका राज्य काल २१६ ई. पू. - २०७ ई. पू. माना जाता है । यह जैन धर्म का एक श्रेष्ठ पुरस्कता था, एवं बौद्ध धर्म के इतिहास में अशोक का जो महत्त्व है, वहीं महत्त्व इसे जैन धर्म के इतिहास में दिया जाता है । जैन धर्म के प्रचार के लिए इसने अनेकानेक धर्मोपदेशक गांधार कपिशा आदि देशों में भेज दिये थे । यही नहीं इसने अपने सैन्यदल के अनेक योद्धाओं को भिक्षुवेष में धर्मप्रचारार्थ भेजा था ।संप्रति मौर्य n. एक बार इसके राज्य में लगातार बारह वर्षों तक अकाल उत्पन्न हुआ । इस कारण, अपने गुरु भद्रबहु के साथ यह दक्षिण भारत में स्थित श्रवणबेलगोल नामक नगर में आया । भद्रबाहु के निर्वाण के पश्चात् इसने चंद्रगिरि पर्वत पर प्राणत्याग किया । इसकी मृत्यु के पश्चात् शालिशुक मगध देश के राज गद्दी पर बैठा । तिब्बती साहित्य में इसके उत्तराधिकारी का नाम वृषसेन दिया गया है, जो संभवतः इसके उस प्रदेश में स्थित राज्य का राजा बन गया होगा । Related Words मौर्य राजवंश चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य वंश संप्रति मौर्य संप्रति मौर्य चन्द्रगुप्त मौर्य चंद्रगुप्त चद्रगुप्त मौर्य मौर्य काल मौर्य काळ মৌর্য রাজবংশ ମୌର୍ଯ ରାଜବଂଶ ਮੋਰਿਆ ਰਾਜਵੰਸ਼ मौर्यवंशः મૌર્ય રાજવંશ சந்திரகுப்த மௌரியர் চন্দ্রগুপ্ত মৌর্য ਚੰਦਰਗੁਪਤ ਮੌਰੀਆ ଚନ୍ଦ୍ରଗୁପ୍ତ ମୌର୍ଯ୍ୟ ચંદ્રગુપ્ત મૌર્ય ചന്ദ്രഗുപ്തമൌര്യൻ चन्द्रगुप्तमौर्यः چندرگپت موریہ now at present nowadays today इंद्रपालित मौर्यकाळ वारिसार for the present मौर्यकाल भद्रबाहु शालिशूक the relevent file is not ready available कुशाल कुनाल अशोकस्तंभ बंधुपालित इष्यत् शतधनु अशोक स्तंभ देववर्मन् पुष्पमित्र for the time being स्मारणम् सुयशस् निर्व्यञ्जक सप्तति सोमशर्मन् चित्रांगद बिन्दुसार कालकाम स्फुर्ज् कौटिल्य व्रीड विपर्यस्त विरूढ सक्तु संस्तव मध्यंदिन शुङ्ग भद्रसार भविष्य वंश संगत पाण्डव अशोक आवह् उपरुध् वियत् अयि राजन्य मञ्जुल कालनिर्णयकोश - व्यक्तियों का कालनिर्णय बिंबिसार श्रेणिय शिशुनाग विष्णुगुप्त what अनुभू चिता परिणत शक विषम् अज्ञात अभिजन लिङ्गम् यवन present बृहद्रथ वी व्यस्त हत दशरथ सिकंदर एक हन् पतंजलि कर्मन् वृत् चरण Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP