चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - कुमारव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


कुमारव्रत ( कालोत्तर ) -

यह चैत्र शुक्ल षष्ठीको किया जाता है । उस दिन मयूरपर बैठे हुए स्वामिकार्तिककी सुवर्णके समान मूर्ति बनवाकर उसका पूजन करे । आचार्यको वस्त्र और सुवर्ण दे । उपवास रखे और सद्वैद्यकी सम्मतिके अनुसार ब्राह्मीका रस और घी पिये । इस प्रकार प्रत्येक शुक्ल पञ्चमीको एक वर्षापर्यन्त करनेसे महाबुद्धिमान् होता है । शास्त्रोंका आशय सहज ही समझमें आ सकता है और शास्त्रार्थमें स्फुरणाशक्तिका भलीभाँति विकास होता है ।

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Last Updated : January 16, 2009

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