चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - दोलनोत्सव

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


दोलनोत्सव ( व्रतरत्न ) -

चैत्र शुक्ल तृतीयाको प्रातःकालके समय जानकीनाथ रामचन्द्रभगवानका राजोपचार पूजन करके उनको पालनेमें विराजमान कर झुलाये और इसी प्रकार सुरेश्वर और रमापतिको दोलारुढ़ करके उनके दर्शन करे तो सब पाप दूर होते हैं ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 16, 2009

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP