-
सरमा
Meanings: 30; in Dictionaries: 9
Type: WORD | Rank: 5.50501 | Lang: NA
-
देवशुनी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.178559 | Lang: NA
-
সরমা
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4552833 | Lang: NA
-
ਸਰਮਾ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4552833 | Lang: NA
-
સરમા
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4552833 | Lang: NA
-
سرما
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.4024174 | Lang: NA
-
ସରମା
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.3983729 | Lang: NA
-
सरमात्मज
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02707193 | Lang: NA
-
सीसर
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02707193 | Lang: NA
-
bitch
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02552366 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३६५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.0190514 | Lang: NA
-
सारमेय
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.01579196 | Lang: NA
-
श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ६
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01453224 | Lang: NA
-
श्यामशबल
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.009023977 | Lang: NA
-
मण्डल ५ - सूक्तं ४५
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
Type: PAGE | Rank: 0.007976144 | Lang: NA
-
शाम
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.005639985 | Lang: NA
-
वराहपुराणम् - अध्यायः १६
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005639985 | Lang: NA
-
मण्डल १ - सूक्तं ७२
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
Type: PAGE | Rank: 0.005639985 | Lang: NA
-
श्रुतश्रवस्
Meanings: 13; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.005335351 | Lang: NA
-
शबल
Meanings: 26; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.004511988 | Lang: NA
-
मण्डल १० - सूक्तं १०८
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
Type: PAGE | Rank: 0.004511988 | Lang: NA
-
शूद्रवर्गः - श्लोक १३९७ ते १४४०
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
Type: PAGE | Rank: 0.004511988 | Lang: NA
-
अध्याय चवतीसावा - श्लोक ५१ ते १००
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
Type: PAGE | Rank: 0.004511988 | Lang: NA
-
अध्याय चोवीसावा - श्लोक ५१ ते १००
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
Type: PAGE | Rank: 0.004511988 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १३१
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.004446126 | Lang: NA
-
पणि
Meanings: 16; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.003988072 | Lang: NA
-
युद्धकाण्डम् - काव्य २५१ ते ३००
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003988072 | Lang: NA
-
२६
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
ऊ
Meanings: 40; in Dictionaries: 9
Type: WORD | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
शैलूष
Meanings: 25; in Dictionaries: 9
Type: WORD | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
श्मशानयात्रा
अंत्येष्टि म्हणजे शेवटचा होम.
Type: PAGE | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
स्कंध ५ वा - अध्याय २४ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
Type: PAGE | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
संकेत कोश - संख्या २६
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
Type: PAGE | Rank: 0.00394799 | Lang: NA
-
अध्याय चवतीसावा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
Type: PAGE | Rank: 0.003907497 | Lang: NA
-
दशावतारचरित्रम् - कूर्मावतारो द्वितीयः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 0.003383991 | Lang: NA
-
अध्याय पंचवीसावा - श्लोक २०१ ते २६३
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
Type: PAGE | Rank: 0.003190457 | Lang: NA
-
२१
Meanings: 13; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
संकेत कोश - संख्या २१
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
Type: PAGE | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
षष्ठः स्कन्धः - अथ षष्ठोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
प्रथम खण्डः - एकचत्त्वारिंशतत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
खण्डः १ - अध्यायः ०४१
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
Type: PAGE | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
षोडशकाण्डः - ७६ ते ८०
पैप्पलादसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.002819993 | Lang: NA
-
त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ३२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00279165 | Lang: NA
-
विभीषण
Meanings: 33; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.002442185 | Lang: NA
-
जनमेजय
Meanings: 32; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.002392843 | Lang: NA
-
बृहद्देवता - द्वितीयोऽध्यायः
बृहद्देवता संस्कृत भाषेतील छंदशास्त्र ह्या विषयातील शौनकऋषींनी रचलेला एक प्राचीन ग्रंथ आहे. The Bruhaddevatā (Sanskrit: बृहद्देवता), is a metrical Sanskrit work, traditionally ascribed to Shaunaka.
Type: PAGE | Rank: 0.002392843 | Lang: NA
-
श्याम
Meanings: 86; in Dictionaries: 14
Type: WORD | Rank: 0.002255994 | Lang: NA
-
मातृका
Meanings: 35; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.002255994 | Lang: NA
-
पुलह
Meanings: 21; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.002255994 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३७९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.002255994 | Lang: NA