रामज्ञा प्रश्न - चतुर्थ सर्ग - सप्तक ५

गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।


जनकनंदिनी जनकपुर जब तें प्रगटीं आइ ।

तब तें सब सुखसंपदा अधिक अधिक अधिकाइ ॥१॥

जबसे जनकपुरमें श्रीसीताजी आकर प्रकट हुई, तबसे वहाँ सभी सुख एवं सम्पत्तियाँ दिनोंदिन अधिकाधिक बढ़ती जाती हैं ॥१॥

( यह शकुन सुख सम्पत्तिकी प्राप्ति तथा उन्नतिकी सूचना देता है । )

सीय स्वयंबर जनकपुर सुनि सुनि सकल नरेस ।

आए साज समाज सजि भूषन बसन सुदेस ॥२॥

सीताजीके स्वयंवरका समाचार सुनकर सभी राजा आभुषणा और वस्त्रोंसें भली प्रकार सजकर अपना समाज समाकर जनकपुर आये ॥२॥

( प्रश्‍न-फल शुभ है । )

चले मुदित कौसिक अवध सगुन सुमंगल साथ ।

आए सुनि सनमानि गृहँ आने कोसलनाथ ॥३॥

महर्षि विश्वामित्र प्रसन्न होकर अयोध्या चले । श्रेष्ठ मंगलदायक शकुन उनके साथ-साथ चल रहे थे - मार्गमें होते जाते थे । महाराज दशरथ उनका आगमन सुनकर ( आगे जाकर ) आदरपूर्वक उन्हें राजभवनमें ले आये ॥३॥

( प्रश्‍न फल श्रेष्ठ है । )

सादर सोरह भाँति नृप पूजि पहुनई कीन्हि ।

बिनय बडा़ई देखि मुनि अभिमत आसिष दीन्हि ॥४॥

महाराज दशरथने आदरपूर्वक षोडशोपचारसे ( विश्वामित्रजीका ) पूजन करके आतिथ्य सत्कार किया । ( महाराजका ) विनम्रभाव तथा सम्मान देखकर मुनि ( विश्वामित्रजी ) ने अभीष्ट आशीर्वाद दिया ॥४॥

( प्रश्‍न- फल उत्तम है । )

मुनि माँग दसरथ दिए रामु लखनु दो‍उ भाइ ।

पाइ सगुन फल सुकृत फल प्रमुदित चले लेवाइ ॥५॥

मुनिके माँगनेपर महाराज दशरथने उन्हें श्रीराम-लक्ष्मण दोनों भाइयोंको सौंप दिया । ( पहिले हुए ) शकुनोंका फल तथा अपने पुण्योंका फल पा अत्यन्त प्रसन्न हो ( मुनि दोनों भाइयोंको ) साथ ले चले ॥५॥

( प्रश्‍न - फल श्रेष्ठ है । )

स्यामल गौर किसोर बर धरें तुन धनु बान ।

सोहत कौसिक सहित मग मुद मंगल कल्यान ॥६॥

साँवले और गोरे श्रेष्ठ किशोर ( दोनों भाई) तरकस और धनुष्य-बाण लिये विश्वामित्रजीके साथ मार्गमें ऐसे सुशोभित हैं, मानो ( मूर्तिमान ) आनन्द मंगल एवं कल्याण हों ॥६॥

( प्रश्‍न फल उत्तम है । )

सैल सरित सर बाग बन, मृग बिहंग बहुरंग ।

तुलसी देखत जात प्रभु मुदित गाधिसुत संग ॥७॥

तुलसीदासजी कहते हैं कि प्रभु पर्वत, नदी, सरोवर, वन, उपवन तथा अनेक रंगोके पशु-पक्षी देखते हुए आनन्दित हो विश्वामित्रजीके साथ जा रहे हैं ॥७॥

( यात्रा सुखद होगी । )

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Last Updated : January 22, 2014

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