संस्कृत सूची|शास्त्रः|तंत्र शास्त्रः|मृगेन्द्रतन्त्रम्| महत्व मृगेन्द्रतन्त्रम् महत्व तन्त्र १ तन्त्र २ तन्त्र ३ तन्त्र ४ मृगेन्द्रतन्त्रम् - महत्व मृगेन्द्रतन्त्रम् ग्रंथात भगवान शंकराची पूजा आणि त्यांच्या ज्ञानाबद्दल, खासकरून भरद्वाज ऋषींच्या दृष्टिकोणातून सांगितलेले आहे, जे ज्ञान इंद्राकडून प्राप्त झाले होते. Tags : mrigendra tantrasanskrittantraतन्त्रमृगेन्द्र तन्त्रसंस्कृत महत्व Translation - भाषांतर मृगेन्द्रतन्त्रम् एक शैवागम ग्रंथ है, जो शैव दर्शन के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह एक तन्त्र है जो शैव परंपरा, ज्ञान और तंत्र की विधियों को बताता है। यह शैव धर्म के तांत्रिक पहलुओं पर केंद्रित है और ज्ञान और अनुष्ठानों के बारे में बताता है। इस ग्रंथ में भगवान शिव की पूजा और शिव की कृपा प्राप्त करने के तरीकों का वर्णन है। इसमें अद्वैत शैव सिद्धान्त की व्याख्या की गई है, जो शैव मत की एक प्रमुख दार्शनिक शाखा है। यह शैव धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ है। N/A References : N/A Last Updated : November 15, 2025 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP