-
मोरोपंत - कृष्ण म्हणे पार्था हा आला...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 5.717152 | Lang: NA
-
मोरोपंत
केकावली हे उत्कृष्ट वीणाकाव्य तसेच ध्वनीकाव्य आहे. केकावलीतील मुख्य रस भक्ति असून करून रस त्याचा अंगभूत आहे.
Type: INDEX | Rank: 5.249666 | Lang: NA
-
कृष्णाप्रार्थना
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
वेंकटेशप्रार्थना २
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कुशलवोपाख्यान - अध्याय तेरावा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
दत्तदयोदय ३
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
पांडुरंगदंडक ३
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
गंगाप्रार्थना
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कृष्णामाहात्म्य - अध्याय तिसरा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय सहावा - अभंग ६१ ते ७५
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कृष्णामाहात्म्य - अध्याय पहिला
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
गजाननमाहात्म्य अध्याय चवथा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
खंडोबास्तव
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय सहावा - अभंग १ ते २०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
गोदावरीस्तव
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय तिसरा - अभंग १ ते २०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
मुरलीपंचक
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
राजापुरस्थगंगाप्रतिनिधितीर्थकीर्तन
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
नरसिंहमहतास्तव
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
साधुसत्कार
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
स्फुट काव्यें
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: INDEX | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
काळभैरवस्तुति
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
श्रीभगवद्गीतास्तुति
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
मदालसोपाख्यान
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: INDEX | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय चवथा - अभंग २१ ते ३१
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कुशलवोपाख्यान - अध्याय चौथा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
वामनपंडितस्तुति
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कुशलवोपाख्यान - अध्याय आठवा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
विश्वेशस्तुति २
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
सिद्धेश्वरस्तव
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
श्रीमयूरेश्वरप्रार्थनार्या
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कुशलवोपाख्यान - अध्याय सहावा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
दत्तदयोदय ४
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
कृष्णामाहात्म्य - अध्याय चवथा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय चवथा - अभंग १ ते २०
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अध्याय तिसरा - अभंग ४१ ते ५७
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
तृतीय चरित्र - अध्याय सहावा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
गजाननमाहात्म्य अध्याय पहिला
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
महद्विज्ञापना १
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
गुरुस्तुतिमुक्तांजलि ४
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
सन्मणिमाला २
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
महद्विज्ञापना ३
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
द्वितीय चरित्र. - अध्याय दुसरा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
तृतीय चरित्र - अध्याय पहिला
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
साध्वीचा महिमा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
अनंतव्रतकथा ४
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
विश्वेशस्तुति १
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
विश्वेशस्तुति ३
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
विठ्ठलपद्मस्तुति
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA
-
तृतीय चरित्र - अध्याय दुसरा
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 1.651732 | Lang: NA