भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - चम्पाषष्ठी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


चम्पाषष्ठी

( हेमाद्रि, स्कन्दपुराण ) -

यदि भाद्रपद शुक्ल षष्ठीको भौमवार, विशाखा नक्षत्र और वैधृति योग हो तो ' चम्पाषष्ठी ' होती है । इस निमित्त पञ्चमीको मनमें संकल्प करके षष्ठीके प्रभातमें सफेद तिल बनावे, उनमें रथ, अरुण और सूर्यका ( सूर्यके १२ नामोंसे ) पूजन करे और ब्राह्मणोंको भोजन कराके स्वयं भोजन करे ।

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Last Updated : January 21, 2009

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