मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ४७ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ४७ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ४७ Translation - भाषांतर [शि.मो.व शेरा] श.५७६ भाद्रपद व. १२इ.१६५४ सप्टेंबर २७र्द अज दिवाण समत तलकोकण हवाले अलीखान बिरादर हवालदार बजानेबु कारकुनानीं मामले पातशाबाद उरुफ चेऊल बिदानद सु॥ खमस खमसैन अलफ आपाजि ताउजी देसाई व देसकुलकरर्णी मामले मजकूर मालुम केले जे मौजे वागुले तपे पाळि कृस्णाजि माहादेऊ देसाई व आपणासि इसाबती आहे तेथील पटियाचा भोगवटा निमे आपण करितो निमे कृस्णाजी माहादेऊ देसाई करितो अमा खोती निसबतीन सारे गावाची कमावीस कृष्णाजी माहादेऊ देसाई करुन दिवाण बेरीज झाडा करितो तरी मौजे मजकूर इसाबती निमे आपली आहे व निमे कृस्णाजी माहादेऊ देसाई याची आहे पटियाचा भोगवटा हर दोजण निमे निमे करीत असो तरी साहेबी नजर इनायेती फर्माउनु निमे गाव इजारती आपणासि देववणे व निमे गाव कृस्णाजि माहादेऊ देसाई मजकुरास देववणे हर दोजण गांवीची कमावीस करुन दिवाण देणे निमे निमे तकसीमप्रमाणें देउनु म्हणौउनु मालुम केले तरी मौजे मजकूर इसाबते हरदो देसाई मजकुराची असे तेथील पटियांचा भोगवटा निमे निमे हरदो जणास चालत असेल तरी येकानीच सारा गाव हजारती करु कमावीस करणें काये माना असे तरी निमे गाव कृष्णाजि मजकुराचे हवाले इजारती करणे निमे गाव आपाजि देसाई याचे हवाले करणे हरदूजण निमे निमे कमावीस करितीस व दिवाण देणे हरदूजणापासुनु निमे निमे उगवणी करुन घेणे ताळिक घेउनु असल खुर्दखत आपाजि मजकुराजवळ फिरऊन देणे. [फार्शी मोर्तब][कागदामागे] तेरीख २५ जिलकाद ब॥ असल मुकबला सुद N/A References : N/A Last Updated : February 24, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP