सुवर्चला n. देवल ऋषि की ब्रह्मचारी कन्या । अपने, पिता के द्वारा अयोजित किये गये स्वयंवर में, इसने श्र्वेतकेतु औद्दालकि का वरण किया । इस स्वयंवर के समय इसका श्र्वेतकेतु के साथ किया तत्त्वज्ञान पर संवाद, महाभारत में ‘श्र्वेतकेतु सुवर्चला संवाद’ नाम से प्राप्त है
[म. शां. ३०४, २२८.२२९] । यह संवाद महाभारत के केवल कुंभकोणम् संस्करण में भी प्राप्त है; भांडारकर संहिता में वह परिशिष्ट में दिया गया है ।
सुवर्चला II. n. परमेष्ठिन् राजा की पत्नी, जिसके पुत्र का नाम प्रतीह था
[भा. ५.१५.३] ।
सुवर्चला III. n. परमेष्ठिन् पुत्र प्रतीह राजा की पत्नी। इसके प्रतिहर्तृ आदि तीन पुत्र थे
[भा. ५.१५.५] ।
सुवर्चला IV. n. सूर्य की पत्नी
[म. अनु. १४६.५] ;
[विष्णु. ३.८] ।