Dictionaries | References S Sânkhyakârikâ. Sânkhyakârikâ.;Sāṃkhyakārikā;Sāṃkhyakārikā Variations : सांख्यकारिका; Sànkhya K; Sankhya. K. ; Sàn. K.; Sān. K.; Sānkhya. K.; Sān K.; Sāṃkhyak.; Sāṅkhyak. ३ ७ ८ अखण्डोपधि अङ्कुश अपरिशेष अर्थतस् अविघात अविपर्ययात् अविवेकिन् अविवेचक अव्यक्त अष्टविकल्प अष्टादशधा असक्त असामान्य आकूत आख्या आख्यायिका इन्द्रियघात इष्ट उद्द्योतक उपरम उपस्तम्भ उपस्तम्भक उपादान उपेक्षक उभयात्मक एकरूप एकविध एकादशक ऐकान्तिक कल्प कारणगुण कार्य कुणित्व कैवल्य क्रमशस् खाञ्ज्य गुण गुणवत् गुदावर्त गौडपाद ग्रहण ग्राहक घ्राणपाक चक्रभ्रम चक्रभ्रमि चरितार्थत्व चिन्त् चिरबिल्व चेतनावत् चेद् चैतन्य चैत्र जनन जनयितव्य ज्ञ तत्त्वकौमुदी तत्त्वम् तथात्व तद् तन्मात्र तन्मात्रिक तमस् तमोविशाल तामिस्र तारतार तिरोभाव तुष्टि तूली तैजस तैर्यग्योनि त्रयोदशविध त्रिकाल त्रिगुण त्रैगुण्य दशविध दृष्ट द्रष्टृत्व निरुपभोग परवाद परार्थ परिणाम परिणामिनित्य परिपाक पर्यामुच् पीडाय पुंस् पुरुषार्थ प्रकाशक प्रकाश्य प्रकृतिलय प्रतिपुरुष प्रतिपूरुष प्रतिविषयम् प्रत्याश्रय प्रधानत्व प्रभूत प्रमुदित प्रमोद प्रमोदमान प्ररोहण प्रवृत्ति प्राकृतिक प्रागभाव प्राचीनकल्प प्राप्तप्रकाशक प्रामादिकत्व प्रेक्षावत् प्रेडक प्लवन बन्धकत्व भाविक भिद् भूत भ्रम भ्रमि मनोनवस्थान मन्दविवेक महत् मूलप्रकृति मोहवत् याक्ष योजयितव्य रङ्ग रजस् रजोविशाल रम्यक लघु लिङ्गम् लोकपङ्क्ति वचन वरणक वायु विमर्द विराग विरूप विशिष् विशुद्धि विशेषवादिन् विषयोपरम वैकृत वैकृतिक वैशेषिन् वैश्वरूप वैश्वरूप्य व्यक्त व्यवच्छेदक व्यवस्था व्यवहर्तृ व्युत्पाद्य व्रतधारिन् शक्तितस् शिष्यपरम्परा शूलग्रह षष्टितन्त्र संक्षिप्त संवादक सक्रिय सत्कार्य सदाप्रमुदित सप्तदशधा समाख्यात समान समानाभिहार सर्वाभाव सामान्यतस् सामीप्य साम्प्रतकाल साम्यावस्था सिद्ध सिद्धि सुकुमारतर सुतारा सुहृत्प्राप्ति सूक्ष्म स्पर्शतन्मात्र स्यन्दन स्वरूप स्वस्वामिसम्बन्ध स्वालक्षण्यम् हेतुक हेतुमत् Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP