मराठी मुख्य सूची|मराठी साहित्य|अनुवादीत साहित्य|शतश्लोकी| शतश्लोकी शतश्लोकी श्लोक १ श्लोक २ श्लोक ३ श्लोक ४ श्लोक ५ श्लोक ६ श्लोक ७ श्लोक ८ श्लोक ९ श्लोक १० श्लोक ११ श्लोक १२ श्लोक १३ श्लोक १४ श्लोक १५ श्लोक १६ श्लोक १७ श्लोक १८ श्लोक १९ श्लोक २० श्लोक २१ श्लोक २२ श्लोक २३ श्लोक २४ श्लोक २५ श्लोक २६ श्लोक २७ श्लोक २८ श्लोक २९ श्लोक ३० श्लोक ३१ श्लोक ३२ श्लोक ३३ श्लोक ३४ श्लोक ३५ श्लोक ३६ श्लोक ३७ श्लोक ३८ श्लोक ३९ श्लोक ४० श्लोक ४१ श्लोक ४२ श्लोक ४३ श्लोक ४४ श्लोक ४५ श्लोक ४६ श्लोक ४७ श्लोक ४८ श्लोक ४९ श्लोक ५० श्लोक ५१ श्लोक ५२ श्लोक ५३ श्लोक ५४ श्लोक ५५ श्लोक ५६ श्लोक ५७ श्लोक ५८ श्लोक ५९ श्लोक ६० श्लोक ६१ श्लोक ६२ श्लोक ६३ श्लोक ६४ श्लोक ६५ श्लोक ६६ श्लोक ६७ श्लोक ६८ श्लोक ६९ श्लोक ७० श्लोक ७१ श्लोक ७२ श्लोक ७३ श्लोक ७४ श्लोक ७५ श्लोक ७६ श्लोक ७७ श्लोक ७८ श्लोक ७९ श्लोक ८० श्लोक ८१ श्लोक ८२ श्लोक ८३ श्लोक ८४ श्लोक ८५ श्लोक ८६ श्लोक ८७ श्लोक ८८ श्लोक ८९ श्लोक ९० श्लोक ९१ श्लोक ९२ श्लोक ९३ श्लोक ९४ श्लोक ९५ श्लोक ९६ श्लोक ९७ श्लोक ९८ श्लोक ९९ श्लोक १०० श्लोक १०१ शतश्लोकी ’शतश्लोकी’ हा गुरु-शिष्य संवादात्मक आत्मज्ञानाचा उपदेश करणारा ग्रंथ Tags : pustakshatashlokiपुस्तकमराठीशतश्लोकीसंस्कृत References : लेखक व प्रकाशक - विष्णु वामन बापटशास्त्री माघ शु. पंचमी, शके १८४३ म्हणजेच २-२-१९२२प्रकाशन स्थळ - पुणे पेठ सदाशिव, घर नं. २७०.मुद्रक - त्र्यंबक हरी आवटे, यांनी वरील पत्त्यावर " इंदिरा " छापखान्यात छापिले. Last Updated : November 11, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP