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affectionately
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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warmly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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lovingly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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begrease
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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lubric
Meanings: 6; in Dictionaries: 2
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lubricate
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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॥ अथ दोषत्रयशमनम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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admire
Meanings: 9; in Dictionaries: 3
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यक्षाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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परिस्तृ
Meanings: 5; in Dictionaries: 2
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भूमिखंडः - अध्यायः ४८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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grease
Meanings: 18; in Dictionaries: 11
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kindly
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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आचारकाण्डः - अध्यायः ६४
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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गंगायमुनयोरन्योन्योपालम्भवर्णनम्
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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मित्र लाभः - कथा २
हितोपदेश भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं।
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श्री शारदादेवी स्तोत्रम् - प्रकृतिं परमामभयां वरदां ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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प्रभुता
Meanings: 16; in Dictionaries: 6
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पृथा
Meanings: 12; in Dictionaries: 8
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पातालखण्डः - अध्यायः ८८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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प्रथमांशुः - ऐरिणीदानम्
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
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दशमस्कन्धपरिच्छेदः - सप्तत्रिंशत्तमदशकम्
श्रीनारायणके दूसरे रूप भगवान् श्रीकृष्णकी इस ग्रंथमे स्तुति की गयी है ।
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ऐरिणीप्रदान (झाल)
विवाह संस्कार सोळा संस्कारांपैकी एक आहे. विवाह फक्त शारीरिक संबंध नसून, वंशवृद्धी हे प्रमुख कारण आहे.
The Vivaha is the most Important Samskar of all the Hindu rituals, for continuing their Vansh.
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oil
Meanings: 30; in Dictionaries: 11
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अतिवृत्
Meanings: 11; in Dictionaries: 3
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अभितस्
Meanings: 27; in Dictionaries: 3
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खण्डः १ - अध्यायः ०४९
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रबोधसुधाकरः - सगुणनिर्गुणयोरैक्यप्रकरणम्
श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ प्रबोधसुधाकरः
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उत्तरस्थानम् - द्वात्रिंशोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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प्रथम खण्डः - एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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उत्तर पर्व - अध्याय १४
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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खण्डः ३ - अध्यायः २९७
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः २३२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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in
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
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सुभाषितरत्नकोशः - ग्रीष्मव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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एकविंशो वेतालः
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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उत्तरखण्डम् - प्रथमोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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श्रीपादुकासहस्रम् - अभिषेकपद्धतिः
श्रीमद्वेदान्तदेशिक विरचितम्
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द्वितीयः भागः - प्रकरणम् ४
भावप्रकाशसंहिता
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चिकित्सास्थानम् - द्वादशोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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विश्वक्सेनासंहिता - सप्तमोऽध्याय:
विश्वक्सेनासंहिता
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - अष्टादशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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भूमिखंडः - अध्यायः ४७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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प्रिय
Meanings: 132; in Dictionaries: 10
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अध्याय ७१ वा - श्लोक २१ ते २५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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उत्तरखण्डः - अध्यायः २०२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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शरीरस्थानम् - द्वितीयोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - एकोनविंशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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विष्णुपर्व - एकसप्ततितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १०६
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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