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slightly
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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चतुर्थ पटल - सहजोलीमुद्राकथनम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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एकनाथी भागवत - श्लोक ९ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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scant
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
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little
Meanings: 15; in Dictionaries: 5
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extent
Meanings: 15; in Dictionaries: 8
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भालम्
Meanings: 16; in Dictionaries: 1
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slight
Meanings: 16; in Dictionaries: 4
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वैराग्यावदानम्
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ५
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
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धर्मपदम् - पापवर्गः नवमः
धर्मपदम्
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ९९
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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least
Meanings: 10; in Dictionaries: 6
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pretty
Meanings: 11; in Dictionaries: 3
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तृतीय पटल - योगानुष्ठानपद्धतिर्योगाभ्यासवर्णन ३
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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उपमालंकारः - लक्षण १९
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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धर्मपदम् - मलवर्गोष्टादशः
धर्मपदम्
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some
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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quantity
Meanings: 42; in Dictionaries: 22
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रससंकेतकलिका - अध्यायः ५
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
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॥ अथार्शोरोगनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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glance
Meanings: 17; in Dictionaries: 6
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नीतिशतकम् - श्लोक ४१ ते ५०
'भर्तृहरि’कॄत नीतिशतक वाचल्याने नीतिमत्तेचे धडे मिळतात.
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less
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01311014 | Lang: NA
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scarce
Meanings: 16; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.01311014 | Lang: NA
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स्तोक
Meanings: 26; in Dictionaries: 4
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.२०
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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रससंकेतकलिका - अध्यायः १
रससंकेतकलिका ग्रंथात रसासंबंधी उपयुक्त माहिती देण्यात आलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01158783 | Lang: NA
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रसरत्नाकर - प्रकरण १.४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01158783 | Lang: NA
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १५१
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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faint
Meanings: 18; in Dictionaries: 5
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मण्डल १० - सूक्तं ९५
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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रसहृदयतंत्र - अध्याय १८
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
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द्वितीयकाण्डः - ३६ ते ४०
पैप्पलादसंहिता
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extend
Meanings: 31; in Dictionaries: 10
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उच्चावचप्रवाहवीचयः - सुभाषित २१८१ - २२००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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रसहृदयतंत्र - अध्याय ५
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
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part
Meanings: 80; in Dictionaries: 17
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रसरत्नाकर - प्रकरण २.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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पताकादिचतुष्षष्टिहस्तलक्षणं नाम त्र्यशीतितमोऽध्यायः - १५१ ते २००
समराङ्गणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी।
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विंशतिकाण्ड: - १६ ते २०
पैप्पलादसंहिता
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निदानस्थानम् - सप्तमोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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आचारकाण्डः - अध्यायः १५६
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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उत्तर पर्व - अध्याय ८५
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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दशावतारचरित्रम् - मत्स्यावतारः प्रथमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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अधस्
Meanings: 63; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.008193837 | Lang: NA
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उदकवहस्त्रोतस् - प्रवाहिका
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१४
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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॥ अथ पारद: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ३०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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