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cicatrization
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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edification
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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accretion
Meanings: 16; in Dictionaries: 13
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diligence
Meanings: 9; in Dictionaries: 6
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convalescence
Meanings: 7; in Dictionaries: 6
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copartner
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
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healing
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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improvement
Meanings: 14; in Dictionaries: 8
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ascent
Meanings: 17; in Dictionaries: 10
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restoration
Meanings: 13; in Dictionaries: 9
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revival
Meanings: 9; in Dictionaries: 9
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recovery
Meanings: 33; in Dictionaries: 17
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rising
Meanings: 10; in Dictionaries: 4
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खण्डः ३ - अध्यायः ३३३
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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अश्वत्थस्तोत्रम् - आयुर्बलं यशोवर्चः प्रजाः ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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कात्यायनस्मृतिः - दण्डपारुष्यम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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अश्वत्थस्तोत्रम् - आयुर्बलं यशोवर्चः प्रजाः ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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industry
Meanings: 20; in Dictionaries: 11
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ascend
Meanings: 17; in Dictionaries: 7
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अर्थशास्त्रम् अध्याय १३ - भाग ५
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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heal
Meanings: 15; in Dictionaries: 4
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cure
Meanings: 20; in Dictionaries: 7
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combine
Meanings: 27; in Dictionaries: 11
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खण्डः ३ - अध्यायः २८४
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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revive
Meanings: 19; in Dictionaries: 7
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अश्वत्थस्तोत्रम् - नारद उवाच अनायासेन लोकोऽय...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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अश्वत्थ स्तोत्रम् - श्री नारद उवाच अनायास...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे.
A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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खण्डः १ - अध्यायः ०३६
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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firm
Meanings: 47; in Dictionaries: 11
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प्रथम खण्डः - षट्त्रिंशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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रक्तवहस्त्रोतस् - रक्तज कृमि
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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increase
Meanings: 29; in Dictionaries: 8
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मल्लपुराणम् - पोडशोऽध्याय:।
१३व्या ’ शतकातील ’ मल्लपुराण ’ ग्रंथात मल्लयुद्धाविषयी विस्तृत वर्णन आहे. शिवाय या ग्रंथात पहिलवानांसाठी विविध ऋतुतील आवश्यक खुराकांची माहिती दिलेली आहे.
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तृतीयपरिच्छेद - पुनः प्रतिष्ठा
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
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विष्णुपर्व - एकषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५०५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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rise
Meanings: 56; in Dictionaries: 13
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अथ दण्डपारुष्ये दण्ड:
केशवपण्डितकृतम् धर्मकल्पलनान्तर्गतनीतिमज्जर्यां दण्डनीतिप्रकरणम् ।
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १८९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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॥ अथ मुष्कान्त्रवृद्धिवर्ध्मरोगनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १८५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १८६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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नाट्यशास्त्रम् - अथ अष्टमोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
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अनेकार्थसङ्ग्रहः - चतुःस्वरकाण्डः
आचार्यश्रीहेमचन्द्रेण विरचितः अनेकार्थसङ्ग्रहो नाम कोशः
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मनुस्मृतिः - अष्टमोध्यायः
मनुस्मृती हे धर्मशास्त्र आहे. वर्णधर्म, आश्रमधर्म, वर्णाश्रमधर्म, राजधर्म, व्यवहारनिर्णय, स्त्रीधर्म व पुरूषधर्म यांच्या या स्मृतीमध्ये व्याख्या सांगून त्यांची निष्कृती कोणत्या उपायांनी करावी हे सुचविले आहे.
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शार्ङ्गधरसंहिता - प्रथमं परिशिष्टम्
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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