-
सङ्घशस्
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07518142 | Lang: NA
-
सर्व्वशस्
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
अनुपूर्व्वम्
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
मुख्यशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
यूथशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
कोटिशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
विस्तरशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
-
एकैकशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.05262699 | Lang: NA
-
सहस्रशस्
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
आशंसन
Meanings: 5; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
माषशस्
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
क्रमशस्
Meanings: 6; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
लवशस्
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
विभागशस्
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04510885 | Lang: NA
-
आशंसित
Meanings: 12; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
आशंसितृ
Meanings: 9; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
अनेकश
Meanings: 6; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
अल्पशस्
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
भागशस्
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
नित्यशस्
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
खण्डशस्
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03759071 | Lang: NA
-
आशंसु
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.03007257 | Lang: NA
-
वीराशंसन
Meanings: 10; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03007257 | Lang: NA
-
शतशस्
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.03007257 | Lang: NA
-
आशंसा
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.0263135 | Lang: NA
-
नृशंस
Meanings: 13; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.02255443 | Lang: NA
-
शस्य
Meanings: 21; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.02255443 | Lang: NA
-
पाद १ - खण्ड ६६
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01139408 | Lang: NA
-
प्रथमोऽध्यायः - राशि प्रभेद
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01127721 | Lang: NA
-
अध्याय ६ - भाग १
महर्षि पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी हा संस्कृत व्याकरणावरील एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ आहे, जो ई.पू. ५००व्या शतकात रचला गेला.
Type: PAGE | Rank: 0.007518142 | Lang: NA
-
लघुसिद्धान्तकौमुदी - भाग ३
‘लघुसिद्धान्तकौमुदी’ पाणिनीय संस्कृत व्याकरणाची एक (अष्टाध्यायी) परम्परागत प्रवेशिका आहे. A Complete introduction to Panini Sutras for the use of beginners.
Type: PAGE | Rank: 0.006510902 | Lang: NA
-
पाद ३ - खण्ड ६८
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.004651613 | Lang: NA
-
पाद १ - खण्ड ६४
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.004651613 | Lang: NA
-
पाद २ - खण्ड ७८
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003289187 | Lang: NA
-
पाद १ - खण्ड ६१
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003289187 | Lang: NA
-
पाद १ - खण्ड ३६
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003289187 | Lang: NA