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याचितृ
Meanings: 6;
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Tags: yācitṛ,
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Tags: N/A
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निर्वा
Meanings: 8;
Dictionaries: 2;
Tags: nirvā,
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Tags: N/A
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भिक्षाटनकाव्यम् - द्वात्रिंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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उद्यम
Meanings: 19;
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Tags: udyamḥ,
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अनुशास्
Meanings: 11;
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Tags: anuśās, সাৱধান কৰা, सांग्रां खालाम, ચેતવવું, चेताना, ಎಚ್ಚರಿಕೆ ಕೊಡು, خبردار کَرُن, शिटकावप, ജാഗരൂകരാക്കുക, सावध करणे, ꯆꯦꯛꯁꯤꯟꯋꯥ꯭ꯍꯥꯏꯕ, चेताउनु, ଚେତେଇବା, ਸਾਵਧਾਨ ਕਰਨਾ, எச்சரிக்கைசெய், హెచ్చరించడం, ہوشیارکرنا, باخبرکرنا, خبردارکرنا, بیدارکرنا, چوکناکرنا સલાહ આપવી, सुझाव देना, ಸೂಚಿಸುವುದು, راے دٕنۍ, ഉപദേശിക്കുക, सुचवणे, ꯋꯥ꯭ꯍꯧꯗꯣꯛꯄ, सुझाव दिनु, ପରାମର୍ଶ ଦେବା, ਸੁਝਾਅ ਦੇਣਾ, யோசனைகொடு, సలహా ఇచ్చు, مشورہ دینا, سوجھاؤ دینا, سوجھانا
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dissuade
Meanings: 8;
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Tags:
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सप्तमस्कन्धपरिच्छेदः - पञ्चविंशतितमदशकम्
श्रीनारायणके दूसरे रूप भगवान् श्रीकृष्णकी इस ग्रंथमे स्तुति की गयी है ।
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पूर्वभागः - अध्यायः १०२
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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अवरुद्ध
Meanings: 27;
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Tags: avaruddha, বন্ধ, बंद, തടസ്സപ്പെടുക, तुंबलेला, ꯑꯐꯨꯟꯕ, बन्द, ବନ୍ଦ, ਬੰਦ, మూసివేయబడిన, بند, مسدود, رکاہوا থেমে থাকা, સ્થગિત, ಅವಿರೋದದ, رُکاوَٹہٕ وول, بَنٛد گَوٚمُت, रखडिल्लें, തടസ്സമുള്ള, अडलेला, ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ, अवरुद्ध, தடையான, బాధగ్రస్తమైన, مسدود, روکا ہوا, بند کیاگیا, رد کیاگیا থেমে থাকা, સ્થગિત, ಅವಿರೋದದ, رُکاوَٹہٕ وول, بَنٛد گَوٚمُت, रखडिल्लें, തടസ്സമുള്ള, अडलेला, ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ, தடையான, బాధగ్రస్తమైన, مسدود, روکا ہوا, بند کیاگیا, رد کیاگیا বন্ধ করা, રોકેલું, थमा हुआ, ಉಸಿರುಕಟ್ಟಿದ, थांबिल्लें, അടക്കിപ്പിടിച്ച, रोखलेला, ꯐꯨꯡꯒꯠꯂꯨꯔꯕ, ବନ୍ଦ, ਰੁਕਿਆ ਹੋਇਆ, மூச்சைப் பிடித்துக் கொண்டு, స్థంభించిన, تھما ہوا, بند, محصور, مسدود
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नियम्
Meanings: 14;
Dictionaries: 3;
Tags: niyam,
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Tags: N/A
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भिक्षाटनकाव्यम् - षोडशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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भिक्षाटनकाव्यम् - विंशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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शालीन
Meanings: 24;
Dictionaries: 8;
Tags: śālīna, লাজুক, શરમાળ, शर्मीला, ಲಜ್ಜಾಶೀಲ, حیح منٛد, लजेस्त, ലജ്ജാശീലമുള്ള, लाजाळू, ꯏꯀꯥꯏꯊꯤꯒꯟꯕ, लजालु, ଲଜ୍ଜାଶୀଳ, ਸ਼ਰਮੀਲੇ, வெட்கமான, లజ్జాశీలుడైన, شرمیلا, حیادار, غیرت مند, نیک بخت, شرماؤ, لجاؤ সজ্জন, मोजां, સજ્જન, सज्जन, ಸಜ್ಜನ, رُت, बरो, കുലീനനായ, ꯂꯩꯕꯥꯛꯃꯆꯥ꯭ꯇꯥꯕ, ਸਾਊ, நல்லொழுக்கமுள்ள, సజ్జనులైన, شریف, نیک, معزز, خوش اخلاق, اخلاق مند, بااخلاق
Type: WORD | Rank: 0.0108224 | Lang: NA
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भिक्षाटनकाव्यम् - अष्टमी पद्धतिः ।
उत्प्रेक्षावल्लभकविविरचितं भिक्षाटनकाव्यम् ।
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द्वितीय सर्ग - श्लोक ८१ ते ९३
श्रीविद्यारण्यस्वामिविरचितः
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युवन्
Meanings: 35;
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Tags: yuvan,
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help
Meanings: 22;
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Tags: সহযোগ, সহায়তা, সহযোগী, সহযোগী ব্যক্তি, সহযোগকাৰী, সহকাৰী, সহায়ক, हेफाजाब, मदद, हेफाजाबगिरि, लेङाय, जुरिया, मददगिरि, সাহায্য, সহায়তা, সহযোগ, সহকারিতা, সহযোগিতা, সহযোগী ব্যক্তি, সহযোগকর্তা, সহযোগী, সহাযক, সহকারী, শরীক, મદદ, સહાયતા, સહાયરૂપ, સહયોગ, સહકાર, સહયોગી, સહકારી, સાથી, મદદનીશ, મદદગાર, શરીક, અભિસર, સંગી, શરીક, અભિસર, सहायता, मदद, सहयोग, इम्दाद, इमदाद, अयानत, शिष्टि, शिकरत, राहत, सहयोगी व्यक्ति, सहयोग कर्ता, सहयोगी, सहायक, सहकारी, मददगार, शरीक, अभिसर, असिस्टेंट, مَدَد, اِمداد, مَدَد کَرَن وول, پَلزَن وول, आदार, मजत, तेंको, हातभार, पलोव, सहयोगी मनीस, സഹായം., साहाय्य, मदत, हातभार, सहकार्य, साह्य, योगदान, सहकारी, मदतनीस, साहाय्यक, सहायता, मदद, सहयोग, सहयोगी व्यक्ति, सहायक, सहयोग कर्ता, सहयोगी, सहकारी, अभिसर, ସାହାର୍ଯ୍ୟ, ସହାୟତା, ସହଯୋଗ|, ସହଯୋଗୀବ୍ୟକ୍ତି, ସହଯୋଗୀ, ସହାୟକ, ସହକାରୀ, ସହଯୋଗକର୍ତ୍ତା, ਸਹਾਇਤਾ, ਮੱਦਦ, ਸਹਿਯੋਗ, ਇਮਦਾਦ, ਸਹਿਯੋਗੀ, ਸਹਾਇਕ, ਸਹਿਯੋਗ ਕਰਤਾ, ਸਹਿਕਾਰੀ, ਮੱਦਦਗਾਰ, ਸ਼ਰੀਕ, साहाय्यम्, सहायता, उपकारः, उपकृतम्, उपकृतिः, साहाय्यकर्ता, उपकारी, उपकारकः, सहायः, उत्तरसाधकः, உதவியாள், வேலையாள், సహాయము, సాయము, తోడు, సహాయకుడు, సహకారి, సహాయుడు, సహాయకారి, مدد, اعانت, امداد, سہارا, مددگار, دستگیر, حمایتی, معاون, معین সহায় কৰা, সহযোগ কৰা, खुर, ओंखाम खुर, रान, सहायता करना, मदद करना, सहयोग करना, हाथ देना, हाथ थामना, हाथ बढ़ाना, हाथ बँटाना, परोसना, परसना, شیرُن, मदत करप, हात दिवप, आदार करप, वाडप, साहाय्य करणे, मदत करणे, null, पस्किनु, ସାହାଯ୍ୟ କରିବା, ସହାୟତା କରିବା, ସହଯୋଗ କରିବା, ହାତ ବଢେଇବା, |, ପରଷିବା, ବାଢିବା, ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨਾ, ਮਦਦ ਕਰਨਾ, ਹੱਥ ਵਟਾਉਣਾ, ਸਹਿਯੋਗ ਦੇਣਾ, ਪਰੋਸਣਾ, ਲਗਾਉਣਾ, مدد کرنا, تعاون کرنا, ہاتھ تھامنا
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खण्डः १ - अध्यायः ०४९
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रथम खण्डः - एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे.
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भविष्यपर्व - पञ्चचत्वारिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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ऐश्वर्य कादम्बिनी - पञ्चमी वृष्टिः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. ऐश्वर्य कादम्बिनी काव्याचे कवी आहेत,श्रीबलदेवविद्याभूषण.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १८२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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शतरुद्रसंहिता - अध्यायः ३४
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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पार्वतीखण्डः - अध्यायः ९
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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वायवीयसंहिता पूर्वभागः - अध्यायः १५
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः ४५
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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शीलवत्याख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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समाधा
Meanings: 33;
Dictionaries: 4;
Tags: samādhā, সমাধান হোৱা, सुस्रांजा, সমাধান হওয়া, ઊકલી જવું, सुलझना, ಪರಿಹರಿಸು, أنٛزراونہٕ یُن, सुटप, सुटणे, ꯄꯥꯝꯕꯩ꯭ꯐꯪꯕ, समाधान हुनु, ସମାଧାନ ହେବା, ਹੱਲ ਹੋਣਾ, சிக்கலைத்தீர், పరిష్కరించు, حل نکلنا, حل ہونا, سلجھنا, جواب ملنا, جواب مل جانا
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उत्तरखण्डः - अध्यायः २४७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १५७
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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नैषधीयचरितम् - प्रथमः सर्गः
महाकवि श्रीहर्षरचितं नैषधीयचरितम् हा ग्रंथ म्हणजे संस्कृत भाषेतील अतिउत्तम रचना होय.
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केन उपनिषद्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोंचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद् .
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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अथ दशमोsध्याय:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी गुरूचरित्राची रचना केली आहे, ती अप्रतिम आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ६१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः २३
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ६३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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पञ्चमकाण्डः - २१ ते २५
पैप्पलादसंहिता
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उत्तरकांडम् - काव्य ५५१ ते ६००
उत्तरकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सातवे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ३
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १८४
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २०६
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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पूर्वभागः - अध्यायः ५३
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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कुमारसम्भवम् - प्रथमः सर्गः
महाकवि कालिदास रचित कुमारसंभव हे काव्य कार्तिकेयच्या जन्मासंबंधी असून, संस्कृत भाषेतील पाच महाकाव्यांपैकी एक आहे.
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अयोध्याकांडम् - काव्य १ ते ५०
प्रत्येक कडव्यातील दुसरे अक्षर वाचा - श्री रा म ज य रा म ज य रा म
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १६३
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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वामनपुराण - अध्याय ३९ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ३९
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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पार्वतीखण्डः - अध्यायः ३०
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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युद्धकाण्डम् - काव्य ६०१ ते ६५०
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः १७७
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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