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ताम्रवीज
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algebra
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quicksilver
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
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sperm
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pip
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semen
Meanings: 15; in Dictionaries: 9
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seed
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marrow
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kernel
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core
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principle
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cipher
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receptacle
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अध्याय २३ - पूजाविधिकथनम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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लग्नाची गाणी - सरकाराला नेट
वारली गीते आजी आजोबांकडून मुलांना नातवंडांना आणि अशा प्रकारे पिढी दरपिढी चालत आलेली असतात.
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source
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nucleus
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rudiment
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अध्याय ३३८ - नाटकनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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श्रीनृसिंह कवच - त्रैलोक्य-विजय श्रीनृसिंह...
रोज कवच स्तोत्राची पठण केल्याने जीवन सुरक्षित बनते.
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germ
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grain
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अध्याय ३०१ - सूर्य्यार्च्चनम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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अध्याय ३२६ - गौर्य्यादिपूजा
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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अध्याय २८७ - गजचिकित्सा
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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element
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origin
Meanings: 47; in Dictionaries: 19
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अध्याय १४७ - त्वरितापूजादिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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अध्याय ३०७ - त्रैलोक्य मोहननम्त्राः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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cause
Meanings: 49; in Dictionaries: 10
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अध्याय ३० - मण्डलविधिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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अध्याय २७९ - सिद्धौषधानि
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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मातंगी कवच - ॥ श्रीदेव्युवाच ॥ साधु-सा...
रोज कवच स्तोत्राची पठण केल्याने जीवन सुरक्षित बनते.
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root
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रसप्रकाशसुधाकरः - द्वितीयोऽध्याय: ।
श्रीयशोधरविरचितो रसप्रकाशसुधाकर:।
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श्री नारदीयमहापुराणम् - एकोनसप्ततितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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शारदातिलकान्तर्गत: गणेशपटल :
गणेशाच्या प्रस्तुत उपासना केल्याने सर्व मनोकामना पूर्ण होतात.
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पातालखण्डः - अध्यायः ११७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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