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empoisonment
Meanings: 1;
Dictionaries: 1;
Tags:
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पृदाकुः
Meanings: 2;
Dictionaries: 1;
Tags: ওয়াইপার, વાઇપર, वाइपर, मंडळी सोरोप, मंडलीसर्प, ବାଇପର ସାପ, ਵਾਈਪਰ, وائپر, پریداکو
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poisoning
Meanings: 10;
Dictionaries: 7;
Tags:
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envenom
Meanings: 3;
Dictionaries: 2;
Tags:
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विषमय
Meanings: 4;
Dictionaries: 3;
Tags: बिसगोनां, ઝેરીલું, ವಿಷದ, زَہریٖلہٕ, വിഷതുല്യമായ, ꯍꯨꯆꯦꯜꯂꯕ, ਜਹਿਰੀਲੀ, زہریلا, زہریلی বিষাক্ত, बिस गोनां, ઝેરી, विषाक्त, ವಿಷಯುಕ್ತ, زہریٖلہٕ, विखारी, വിഷമുള്ള, विषारी, ꯍꯨ꯭ꯌꯥꯎꯕ, ବିଷାକ୍ତ, ਜਹਿਰੀਲਾ, விஷ, విషపూరితము., زہریلا, زہردار
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लिप्तक
Meanings: 8;
Dictionaries: 5;
Tags: liptakḥ, লিপ্তক, લિપ્ત, زَہرَس مَنٛز ترٛٲوِتھ تیٖر, विषदग्ध बाण, ଲିପ୍ତକ, लिप्तकः, زہرزآلود, سم زدہ বিষমাখা, ઝેરીલું, ವಿಷವುಳ್ಳ, زاہر, വിഷത്തിൽ മുക്കിയ, विषदग्ध, ବିଷାକ୍ତ, ਜਹਿਰੀਲਾ, लिप्तक, விஷமுள்ள, విషం పూసిన, زہریلا, زہر سے بھراہوا বিষমাখা, ઝેરીલું, लिप्तक, ವಿಷವುಳ್ಳ, زاہر, വിഷത്തിൽ മുക്കിയ, विषदग्ध, ବିଷାକ୍ତ, ਜਹਿਰੀਲਾ, விஷமுள்ள, విషం పూసిన, زہریلا, زہر سے بھراہوا
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poison
Meanings: 23;
Dictionaries: 10;
Tags: ઉગ્રવિષ, જલદ ઝેર, હળાહળ, કાતિલ ઝેર, उग्र विष, भारी ज़हर, भारी जहर, हलाहल, खर_वीख, तीक्ष्णविषः, تیز زہر, بھاری زہر, جان لیوا زہر बिस लोंहो, बिस दौ, बिस हो, जहर देना, विष देना, जहर खिलाना-पिलाना, زَہَر_دِیُن, वीख घालप, वीश दिवप, वीश घालप, वीख दिवप, ବିଷ ଦେବା, ଜହର ପିଆଇବା, ਜਹਿਰ ਦੇਣਾ, ਜਹਿਰ ਖਿਲਾਉਣਾ-ਪਿਲਾਉਣਾ, ਵਿਸ਼ ਦੇਣਾ, زہر دینا, زہر کھلانا
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॥ अथ प्रकृतिः ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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विशेष्यनिघ्नवर्गः - श्लोक ८१ ते १०३
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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दिग्ध
Meanings: 23;
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Tags: digdha,
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नलोपाख्यानम् - चतुर्दशोsध्याय:
` नलोपाख्यन ` ही नल आणि दमयंती यांची महाभारतातील एक सुरेख प्रेमकथा आहे.
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०१ - भाग २०
कौटिल्य अर्थात् चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र हा प्राचीन ग्रंथ आहे.
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रसहृदयतंत्र - अध्याय २
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
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मण्डल १ - सूक्तं ११७
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १ - ५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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नलोपाख्यानम् - विंशतितमोsध्याय:
` नलोपाख्यन ` ही नल आणि दमयंती यांची महाभारतातील एक सुरेख प्रेमकथा आहे.
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मण्डल १० - सूक्तं ८७
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १२४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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विश्वक्सेनासंहिता - चतुर्थोऽध्याय:
विश्वक्सेना संहिता
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अपदेशप्रवाहवीचयः - सुभाषित १७६१ - १७८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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तृतीयकाण्डः - ६ ते १०
पैप्पलादसंहिता
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भिक्षाटनकाव्यम् - चतुर्थी पद्धतिः ।
उत्प्रेक्षावल्लभकविविरचितं भिक्षाटनकाव्यम् ।
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सप्तमकाण्डः - ६ ते १०
पैप्पलादसंहिता
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द्वितीयः भागः - मूर्च्छाभ्रमनिद्रातन्द्रासंन्यासाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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तृतीयस्थानम् - चतुर्दशोऽध्यायः
हारीत संहिता, एक चिकित्साप्रधान आयुर्वेदिक ग्रन्थ आहे. ह्या ग्रंथाचे रचनाकार महर्षि हारीत होत, जे आत्रेय पुनर्वसु ऋषींचे शिष्य होते.
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तृतीयस्थानम् - पञ्चमोऽध्यायः
हारीत संहिता, एक चिकित्साप्रधान आयुर्वेदिक ग्रन्थ आहे. ह्या ग्रंथाचे रचनाकार महर्षि हारीत होत, जे आत्रेय पुनर्वसु ऋषींचे शिष्य होते.
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उत्तरस्थानम् - षष्ठोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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॥ अथ मूर्च्छानिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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षोडशकाण्डः - १०६ ते ११०
पैप्पलादसंहिता
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श्रीशक्तिसङ्ग्मतन्त्रम् - चतुःपञ्चाशतिः पटलः ।
तंत्र शास्त्र भारताची एक प्राचीन विद्या आहे. तंत्र ग्रंथ भगवान शिवाच्या मुखातून प्रकट झाले आहेत. त्यांना पवित्र आणि प्रामाणिक मानले आहेत. Tantra shastra is a secret and most powerful science of the Indian culture and religion. It is a most powerful science which Indian Rushis have practised for centuries and still it is in practise.
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रसार्णव - दशमः पटलः
रसार्णव नामक ग्रंथात विभिन्न रासायनिक प्रक्रियांद्वारे उत्पन्न होणारे तत्कालीन उत्प्रेरक शिवाय रासायनिक अभिक्रियांमध्ये तीव्रता प्रदान करणार्या पदार्थांमध्ये ज्यात अधिकांश वानस्पतिक श्रोत वापरले जातात त्यांचा खास उल्लेख आहे.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ५४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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॥ अथ पारद: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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षोडशकाण्डः - ६ ते १०
पैप्पलादसंहिता
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अष्टमकाण्डः - १ ते ५
पैप्पलादसंहिता
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पुरुषोत्तमसंहिता - पंचमोध्यायः
श्रीमत्पांचरात्र दिव्यागमे श्रीपुरुषोत्तम संहितायां
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय १९
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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भूमिखंडः - अध्यायः २९
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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रसरत्नाकर - प्रकरण २.७
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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उत्तरभागः - अध्यायः २८
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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कर्मविपाकसंहिता - आश्लेषा नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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माधवनिदान - मूर्च्छानिदान
" शरिरेंद्रिय-सर्वात्मा संयोगधारी जीवितम् " अशी जीवनाची आयुर्वेदीय, व्यापक व्याख्या आहे.
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भल्लटशतकम्
भल्लटशतकम् हे काव्य संस्कृत कवी भल्लट याने लिहीले.
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भल्लटशतकम्
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३६०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कलिविडम्बना
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे नीलकण्ठ दीक्षित रचित कलिविडम्बना.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ७४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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विश्वक्सेनासंहिता - सप्तत्रिंशोऽध्याय:
विश्वक्सेनासंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २०१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २९८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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