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लङ्गूल
Meanings: 2;
Dictionaries: 1;
Tags:
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Tags: N/A
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लाङ्गुल
Meanings: 4;
Dictionaries: 2;
Tags:
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Tags: N/A
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पकडाइ
Meanings: 2;
Dictionaries: 1;
Tags: ধৰা মজুৰি, हमनाय मुज्रा, ধরার পারিশ্রমিক, પકડામણ, رَٹوَنۍ, പിടിത്തക്കൂലി, पकडणावळ, ꯑꯐꯥꯃꯟ, ଧରାମଜୁରି, ਮੱਛੀ ਫੜਾਈ, پکڑائی, پکڑوائی, دھرائی ধৰোঁতা, ধরার কাজ, પકડ, पकड़ाई, പിടിത്തക്കാര്, पकडणी, ਮੱਛੀ ਫੜਣਾ, ग्रहणम्, پکڑائی, دھرائی
Type: WORD | Rank: 0.03187057 | Lang: NA
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भजन - दिन दिन प्रीति अधिक मोहि ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 0.02655881 | Lang: NA
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भजन - अस कछु समुझि परत रघुराया ...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - जगतमें स्वारथके सब मीत । ...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
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लङ्ग
Meanings: 14;
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Tags: laṅgḥ,
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लाङ्गूल
Meanings: 7;
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समात्नु
Meanings: 3;
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Tags: પકડવું, رَٹُن, വിളിക്കുക/പിടിക്കുക, धरणे, پکڑنا, لینا हम, ಹತ್ತಲು, رٹُن
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - करत नहिं क्यों प्रभुपर बि...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
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सुन्दरकाण्ड - श्लोक
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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भजन - यों मन कबहूँ तुमहिं न लाग...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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अमरता
Meanings: 10;
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Tags: amaratā, অমৰত্ব, थैनोरोङि जानाय, অমরত্ব, અમરતા, अमरता, ಅಮರತ್ವ, اَبدِیَت, अमरपण, അമരത്വം, अमरत्व, ꯁꯤꯕ꯭ꯅꯥꯏꯗꯕ, ਅਮਰਤਾ, சிரஞ்சீவி, అమరత్వం., حیات جاودانی, حیات ابدی, بقا, لایموتی, دوامی, لافانی, پائیداری অমৰত্ব, थैनोरोङि जानाय, অমরত্ব, અમરતા, ಅಮರತ್ವ, اَبدِیَت, अमरपण, അമരത്വം, अमरत्व, ꯁꯤꯕ꯭ꯅꯥꯏꯗꯕ, अमरता, ਅਮਰਤਾ, சிரஞ்சீவி, అమరత్వం., حیات جاودانی, حیات ابدی, بقا, لایموتی, دوامی, لافانی, پائیداری অমৰত্ব, थैनोरोङि जानाय, অমরত্ব, અમરતા, अमरता, ಅಮರತ್ವ, اَبدِیَت, अमरपण, അമരത്വം, अमरत्व, ꯁꯤꯕ꯭ꯅꯥꯏꯗꯕ, ਅਮਰਤਾ, சிரஞ்சீவி, అమరత్వం., حیات جاودانی, حیات ابدی, بقا, لایموتی, دوامی, لافانی, پائیداری
Type: WORD | Rank: 0.01859116 | Lang: NA
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विविध - सुने री मैंने निरबल क...
’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।
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भजन - राघौ गीध गोद करि लीन्हौ ।...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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भजन - यह बिनती रहुबीर गुसाईं । ...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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किष्किन्धाकाण्ड
`गीतावली` गोस्वामी तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है जिसके गीतों में राम-कथा कही गयी है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01840048 | Lang: NA
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद १४६ से १५०
`श्रीकृष्ण माधुरी` पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01781619 | Lang: NA
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - मैं नित भगतन हाथ बिकाऊँ ।...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 0.01593528 | Lang: NA
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - ऊधौ ! सो मनमोहन रूप । ज...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 0.01593528 | Lang: NA
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लाङ्गल
Meanings: 23;
Dictionaries: 3;
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Type: WORD | Rank: 0.01593528 | Lang: NA
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अयोध्या काण्ड - दोहा ९१ से १००
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.0140536 | Lang: NA
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रविवार की आरती
आरतीमे उस उपास्य देवताकी स्तुती की जाती है, जिसकी पूजा या व्रत किया जाता है ।
Type: PAGE | Rank: 0.0132794 | Lang: NA
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भजन - रामचन्द्र रघुनायक तुमसों ...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
Type: PAGE | Rank: 0.0132794 | Lang: NA
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - प्रभु ! मैं नहिं नाव चला...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
Type: PAGE | Rank: 0.0132794 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ५२
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01314594 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ४३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01314594 | Lang: NA
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सुन्दरकाण्ड - दोहा ४१ से ५०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.0130111 | Lang: NA
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अयोध्या काण्ड - दोहा १११ से १२०
गोस्वामी तुलसीदास जीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.01187746 | Lang: NA
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तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ५
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
Type: PAGE | Rank: 0.01126795 | Lang: NA
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भरद्वाज
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01126795 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली १००
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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पुल
Meanings: 18;
Dictionaries: 5;
Tags: pula, দলং, दालां, পুল, પુલ, ಸೇತುವೆ, کٔدٕل, पूल, പാലം, पुल, ପୋଲ, ਪੁਲ, सेतुः, பாலம், پل, برج সৰু পুল, दालां, ছোটো পুল, પુલ, पुलिया, لۄکُٹ کٔدٕل, साकोव, ചെറുപാലം, ꯎꯔꯣꯛꯊꯣꯡ, ଶଙ୍ଖ, சிறியபாலம், వంతెన, پلیا, چھوٹاپل দলং, दालां, পুল, પુલ, पुल, ಸೇತುವೆ, کٔدٕل, पूल, പാലം, ପୋଲ, ਪੁਲ, सेतुः, பாலம், پل, برج
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भजन - ऐसे राम दीन -हितकारी । अ...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
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लग्
Meanings: 17;
Dictionaries: 4;
Tags:
Type: WORD | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - शिव स्तुति ६
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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सहजोबाईजी - जीव की अवस्था
सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है ।
Type: PAGE | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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भजन - सकुचत हौं अति राम कृपानिध...
तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।
Type: PAGE | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ३३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ६३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.01062352 | Lang: NA
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद २११ से २१७
`श्रीकृष्ण माधुरी` पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
Type: PAGE | Rank: 0.009389956 | Lang: NA
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद ७६ से ८०
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद ५६ से ६०
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली १३
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ७६
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ५१
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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रामज्ञा प्रश्न - पंचम सर्ग - सप्तक १
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
Type: PAGE | Rank: 0.009295582 | Lang: NA
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विनय पत्रिका - विनयावली ४६
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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दोहे - ५१ से १००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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अयोध्या काण्ड - दोहा ६१ से ७०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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