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cathartic
Meanings: 14;
Dictionaries: 11;
Tags: জুলাপ, ৰেচক, जुलाब खालामग्रा, गोबाग्रा, गोबाहोग्रा, विरेचक, रेचक, दस्तावर, جۄلابہٕ, भायरी, विरेचक, जुलाफ गराउने, ବିରୋଚକ, ରେଚକ, ਦਸਤਾਵਰ, ਵਿਰੇਚਕ, ਕਬਜ਼ਕੁਸ਼ਾ, विरेचक, रेचक, విరేచనము_కలిగించు, مسہل, دست آور
Type: WORD | Rank: 0.05342362 | Lang: NA
Tags: N/A
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purgation
Meanings: 3;
Dictionaries: 3;
Tags:
Type: WORD | Rank: 0.05036828 | Lang: NA
Tags: N/A
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evacuation
Meanings: 5;
Dictionaries: 5;
Tags:
Type: WORD | Rank: 0.03777621 | Lang: NA
Tags: N/A
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aperient
Meanings: 5;
Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.03777621 | Lang: NA
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purge
Meanings: 16;
Dictionaries: 4;
Tags: পৰিষ্কাৰ, পৰিশোধন, फोसाबनाय, सोदांनाय, સુધારો, શુદ્ધીકરણ, વિશોધન, શોધન, પરિશોધન, परिष्करण, शुद्धिकरण, परिष्कार, परिशोधन, विशोधन, शोधन, परिष्क्रिया, صاف کَرُن, صفٲیی, नितळ, शुद्ध, शुद्धीकरण, परिष्कार, परिष्करण, शुद्धिकरण, शोधन, ବିଶୋଧନ, ପରିଷ୍କାର, ପରିଶୋଧନ, ଶୋଧନ|, ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਣ, ਸੋਧ, ਸ਼ੋਧ, शुद्धीकरणम्, परिष्कारः, परिशोधनम्, पवित्रीकरणम्, विमलीकरणम्, शोधनम्, శుద్దీకరణ, పరిష్కరణ, صفائی, تزکیہ, تطہیر, جھاڑ پونچھ উকুলিওৱা, गोबावन, गोबा, उगलना, उगिलना, उग्रहना, تھۄکھٕ_تراوٕنۍ, ओंकप, ओंकारो काडप, उलटी करप, തുപ്പുക., ଥୁକିବା, ଛେପପକାଇବା, ਥੁੱਕਣਾ, ਉਗਲਣਾ, ఉమ్మివేయు, ఉమ్ము
Type: WORD | Rank: 0.02726263 | Lang: NA
Tags: N/A
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purgative
Meanings: 7;
Dictionaries: 6;
Tags: জুলাপ, ৰেচক, जुलाब खालामग्रा, गोबाग्रा, गोबाहोग्रा, विरेचक, रेचक, दस्तावर, جۄلابہٕ, भायरी, विरेचक, जुलाफ गराउने, ବିରୋଚକ, ରେଚକ, ਦਸਤਾਵਰ, ਵਿਰੇਚਕ, ਕਬਜ਼ਕੁਸ਼ਾ, विरेचक, रेचक, విరేచనము_కలిగించు, مسہل, دست آور
Type: WORD | Rank: 0.02518414 | Lang: NA
Tags: N/A
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॥ अथ तमाखुगुणाः ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.02518414 | Lang: NA
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॥ अथ रेचनम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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॥ अथ मूत्राष्टकम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0188881 | Lang: NA
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drain
Meanings: 28;
Dictionaries: 8;
Tags: निकास, निर्गम, खळी নিস্তেজ কৰা, কাহিল কৰা, জুৰুলা কৰা, নিশকতীয়া কৰা, আশকতীয়া কৰা, रान, गोरान जा, सारगैयि जा, लोरबां खालाम, चुसना, सुखाना, کَمزور گَژُھن, کَمزوٗری یِنۍ, سَنہٕ کَرُن, سوکھتہٕ کَرُن, ۂٹ کَرٕنۍ, सोकप, सुकप, भागोवप, सुकोवप, काटो करप, ദുര്ബലമാക്കുക., ଶୁଖିଯିବା, ଝଡିବା, ଶୀର୍ଣ୍ଣହେବା, ଶୁଖାଇବା, ਚੁਸਨਾ, ਚੁਸਿਆ ਜਾਣਾ, ਸੁੱਕਾਉਣਾ, ਲਿਸਾ ਕਰਨਾ, ਕਮਜੋਰ ਕਰਨਾ, దుర్బలముచేయు, దుర్భలపరచు, బలహీనపడు, శక్తిలేకపోవు, బలముపోగొట్టు
Type: WORD | Rank: 0.01574009 | Lang: NA
Tags: N/A
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॥ अथ वमनम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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motion
Meanings: 54;
Dictionaries: 19;
Tags: গতি, गोख्रैथि, खारथाय, खरथि, গতি, বেগ, গতিবেগ, স্পিড, कुलबुलाहट, गति, चाल, रफ़्तार, रफ्तार, अमनि, अर्वण, رفتار, नेट, वेग, ताकतीक, घाई, गती, वेग, चाल, गति, गति, हिँडाइ, ଗତି, ଚାଲି, ਗਤੀ, ਚਾਲ, ਰਫ਼ਤਾਰ, ਰਫਤਾਰ, चलनम्, सरणम्, यानम्, गतिः, व्राजः, చలనము, కదలిక, గమనము, کلبلاہٹ, رفتار, چال इंगिद हो, इंगिद खालाम, फाव खालाम, इसारा हो, इसारा खालाम, संकेद हो, संकेत देना, संकेत करना, इशारा करना, اِشارِ کَرُن, زیٖر دِیٚنٕۍ, कुरू करप, खुणावप, संकेत करप, ସଙ୍କେତ ଦେବା, ସଙ୍କେତ କରିବା, ଇସାରା କରିବା, ଇଙ୍ଗିତ କରିବା, ଠାର ମାରିବା, ਇਸ਼ਾਰਾ ਕਰਨਾ, ਸੰਕੇਤ ਕਰਨਾ, اشارہ کرنا, اشارہ دینا
Type: WORD | Rank: 0.01558189 | Lang: NA
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पूर्वखण्डम् - चतुर्थोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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चतुर्थः भागः - शूकदोषाधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
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॥ अथ ज्वरे पथ्यानि ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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॥ अथातो विद्रधिचिकित्सां व्याख्यास्याम: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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उत्तरखण्डम् - अष्टमोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
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सत्कर्मसंग्रहः - नेति
प्रस्तुत ग्रंथात हठ योगासंबंधी विस्तृत माहिती देण्यात आलेली आहे.
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उत्तरखण्डम् - तृतीयोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
Type: PAGE | Rank: 0.009444051 | Lang: NA
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॥ अथ क्षारकल्पना ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०२४
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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द्वितीयः भागः - प्रकरणम् ५
भावप्रकाशसंहिता
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॥ अथ सर्वोदरेषु सामान्यविधि: ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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रसविद्या - भाग १०
रसविद्या, मध्यकालीन भारतातील जी आयुर्वेदीक विद्या आहे, त्यातील एक अग्रणी ग्रंथ म्हणजे आनंदकंद.
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॥ अथ व्योषाद्यं चूर्णम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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रसविद्या - भाग १४
रसविद्या, मध्यकालीन भारतातील जी आयुर्वेदीक विद्या आहे, त्यातील एक अग्रणी ग्रंथ म्हणजे आनंदकंद.
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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॥ अथ क्रमप्राप्तस्थ ज्वरस्य चिकित्सा ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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तृतीयः भागः - उदराधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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भावमिश्रः भावप्रकाशः - ङुडूच्यादिवर्ग
आयुर्वेदातील एक महान ग्रंथ
Type: PAGE | Rank: 0.007870043 | Lang: NA
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आचारकाण्डः - अध्यायः १७१
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषत्
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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रसप्रकाशसुधाकरः - षठोऽध्याय : ।
श्रीयशोधरविरचितो रसप्रकाशसुधाकर:।
Type: PAGE | Rank: 0.006296034 | Lang: NA
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चिकित्सास्थानम् - एकोनविंशोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
Type: PAGE | Rank: 0.006296034 | Lang: NA
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॥ अथात: पाण्डुरोगनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.006296034 | Lang: NA
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तृतीयस्थानम् - सप्तमोऽध्यायः
हारीत संहिता, एक चिकित्साप्रधान आयुर्वेदिक ग्रन्थ आहे. ह्या ग्रंथाचे रचनाकार महर्षि हारीत होत, जे आत्रेय पुनर्वसु ऋषींचे शिष्य होते.
Type: PAGE | Rank: 0.006296034 | Lang: NA
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प्रथमः भागः - प्रकरणम् ६
भावप्रकाशसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.005564961 | Lang: NA
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॥ अथ मसूरिकानिदानमाह ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.00550903 | Lang: NA
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रक्तवहस्त्रोतस् - कामला
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
Type: PAGE | Rank: 0.00550903 | Lang: NA
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४७२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00550903 | Lang: NA
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रसप्रकाशसुधाकर - अध्याय ६
आयुर्वेदाचार्य यशोधर यांचा जन्म गौड जातीत, तेराव्या शतकात सौराष्ट्र देशातील जुनागढ येथे झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.00550903 | Lang: NA
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॥ अथ रक्तपित्तनिदानम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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नाट्यशास्त्रम् - अथ अष्टमोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.004722026 | Lang: NA
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रसरत्नसमुच्चय - अध्याय ३
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 0.004722026 | Lang: NA
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५७६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.004722026 | Lang: NA
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राजनिघण्टु - आम्रादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.004451969 | Lang: NA
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मध्यखण्डम् - द्वादशोऽध्यायः
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
Type: PAGE | Rank: 0.004451969 | Lang: NA
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शार्ङ्गधरसंहिता - प्रथमं परिशिष्टम्
संहिता हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड होत.
Type: PAGE | Rank: 0.004089395 | Lang: NA
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पञ्चन्
Meanings: 185;
Dictionaries: 4;
Tags: pañcan, পাঁচ, પાંચ, पाँच, ಪಂಚ, پانٛژ, 5, पांच, അഞ്ചാം, पाच, ꯃꯉꯥ, ପଞ୍ଚ, ਪੰਜ, ஐந்து, ఐదు, پانچ, پنج, ۵, 5
Type: WORD | Rank: 0.003935021 | Lang: NA
Tags: N/A
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रसरत्नाकर - प्रकरण २.८
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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