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मानापमान - रामरावणाहि रणा जुंपिलें क...
बालगंधर्वांच्या मानापमानमधील ’भामिनी’ने अख्ख्या महाराष्ट्राला वेड लावले होते.
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चैतन्यचरितामृत
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अभिसम्प्रवृत्
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disquisition
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imprudence
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indiscretion
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discussion
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inquest
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inquisition
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imposture
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prudence
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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मण्डल ६ - सूक्तं २७
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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एकनाथी भागवत - श्लोक २३ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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disrespect
Meanings: 9; in Dictionaries: 4
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एकनाथी भागवत - श्लोक १४ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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मण्डल ९ - सूक्तं ७
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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अध्याय ७७ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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indiscreet
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indiscriminate
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cognizance
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अमर्षण
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पञ्चमप्रपाठकः - चतुर्थी दशतिः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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discuss
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contemplate
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counsel
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consideration
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अपवह्
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question
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discern
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distinguish
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doom
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inquire
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investigate
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
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debt
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deliberate
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अध्याय ५३ वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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रामजोशी - प्राकृत म्हणती बाबासाहे...
रामजोशांनी लिहिलेली कविता मोठी मधुर, अर्थसंपन्न व प्रासअनुप्रासांची पैंजणे घालून ठुमकणारी अशी आहे. शृंगारपर, उपदेशपर व देवदैवतविषयक अशा अनेक प्रकारच्या लावण्या रामजोशांनी लिहिल्या.
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ह्याळसेन कथा - अभंग १ ते २५
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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ह्याळसेन कथा - अभंग ७६ ते १००
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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मण्डल ८ - सूक्तं १२
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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अध्याय ५९ वा - श्लोक ६ ते १०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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पदसंग्रह - पदे १४१ ते १४५
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
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mature
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consider
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युद्धखण्डः - अध्यायः ५४
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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चतुर्थप्रपाठकः - द्वितीयोऽर्द्धः
यज्ञ, अनुष्ठान आणि हवन संबंधीचे मन्त्र सामवेदात सांगितले आहेत. सर्व वेदांमध्ये हा सर्वात छोटा वेद आहे.
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संत तुकडोजी महाराज - भजन १३६ ते १४०
सर्व सामान्य लोकांच्या मनावर शिक्षणाचे महत्त्व बिंबवणारा , अस्पृश्यता गाडून टाका असे सांगणारा , स्वच्छतेचे महत्त्व अधोरेखित करणारा , सर्व धर्मांकडं सारख्याच नजरेनं पहा असे सांगणारा, राष्ट्रसंत म्हणजेच संत तुकडोजी महाराज.
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सीताशुद्धी - अभंग ९३५
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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एकचत्वारिंशोsध्याय:
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
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