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geminy
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team
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brace
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gemini
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
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तृतीयः पटलः - ताराचक्रम्
दीक्षायां सर्वचक्रानुष्ठानम्
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अपृथक्
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युगलम्
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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शिवस्तोत्रम् - निखिलभुवनजन्मस्थेमभङ्गप्र...
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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शिवस्तोत्रम् - ॐ नमः शिवाय । निखिलभुवनजन...
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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खण्डः २ - अध्यायः १४१
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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yoke
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suit
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male
Meanings: 33; in Dictionaries: 9
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couple
Meanings: 28; in Dictionaries: 12
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pair
Meanings: 26; in Dictionaries: 10
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श्रीकृष्ण कवच - । ब्रह्मोवाच ॥ राधाकान्त ...
रोज कवच स्तोत्राची पठण केल्याने जीवन सुरक्षित बनते.
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द्वादशः पटलः - महासूक्ष्मफल-ज्ञापकचक्र
पञ्चस्वरविधानम्
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खण्डः ३ - अध्यायः १३५
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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प्रणयिन्
Meanings: 28; in Dictionaries: 4
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मिश्रितप्रकरणम् - श्लोक १५ ते ४३
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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बृहत्संहिताः - अध्याय १०४
’बृहत्संहिता’ ग्रंथात वास्तुविद्या, भवन निर्माण कला, वायुमंडळाची रचना, वृक्ष आयुर्वेद इ. विषय अंतर्भूत आहेत.
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अंशुमत्काश्यपागमः - शिखरलक्षणपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ..
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एकादशोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
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सिंहादिवर्गः - श्लोक ४८१ ते ५२८
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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घेरण्ड संहिता - द्वितीयोपदेशः
मुद्रा आणि योगासनांच्या संबंधी विस्तृत माहिती देणार ग्रंथ म्हणजे 'घेरण्ड संहिता'. हठयोगावर आधारित या ग्रंथाची रचना महर्षि घेरण्ड यांनी केली आहे.
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अंशुमत्काश्यपागमः - नवभूमिविधानपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ..
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ३
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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त्रिंशः पटलः - भेदिनीमन्त्रकथनम
मूलपद्यविवेचनम
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तृतीयः पटलः - शिवचक्रम्
दीक्षायां सर्वचक्रानुष्ठानम्
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चतुःपञ्चाशत्तमः पटलः - विजयाभक्षणमन्त्रः
पञ्चद्रव्यदिसाधनम्
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उत्तर पर्व - अध्याय ६८
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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अथाशीतितमः पटलः - हाकिणीकूटमन्त्रः
हाकिन्याः मन्त्रोद्धारः
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उत्तर पर्व - अध्याय १३५
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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अध्याय २६३ - उत्पातशान्तिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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विश्वक्सेनासंहिता - पञ्चदशोऽध्याय:
विश्वक्सेनासंहिता
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ७७
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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अध्याय ३४ - होमादिविधिः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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द्वितीयाष्टक - तृतीयोsध्याय:
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत " श्रीदत्तपुराणम् "
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चतुर्थोऽध्यायः - निषेका
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
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विंशः पटलः - सिद्धमंत्रस्वरूपकथनम्
सिद्धमंत्रस्वरूपकथनम्
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श्रीनायिका कवचम् - ॥ श्री उन्मत्त-भैरव उवाच ...
रोज कवच स्तोत्राची पठण केल्याने जीवन सुरक्षित बनते.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ११३
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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संस्कारप्रकरणम् - श्लोक ९७ ते ११५
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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स्वच्छन्दभैरवतन्त्र - दशमः पटलः ३
स्वच्छन्दभैरवतन्त्र हे एक असे तंत्र आहे, ज्यापासून प्रत्यक्ष भैरव मदतीला उभे राहतात.
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मिश्रितप्रकरणम् - श्लोक ४४ ते ६३
अनुष्ठानप्रकाश , गौडियश्राद्धप्रकाश , जलाशयोत्सर्गप्रकाश , नित्यकर्मप्रयोगमाला , व्रतोद्यानप्रकाश , संस्कारप्रकाश हे सुद्धां ग्रंथ मुहूर्तासाठी अभासता येतात .
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वामनपुराण - अध्याय १८ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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अंशुमत्काश्यपागमः - द्वितलमानपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ..
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ७८
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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जातकपारिजात - राशिशिलाध्यायः
दैवज्ञश्रीवैद्यानाथरचित जातक पारिजात या संस्कृत ग्रंथात सूर्य फल, नवग्रह फल, योग पिहित, भाव विचार, विषाख्य कन्या, राज्ययोग, आयुर्बल, व्यत्ययविचार, अरिष्टादि योग आणि सर्व प्रकारचे अरिष्ट नाश होणारे उपाय वर्णन केले आहेत.
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डाकिनी स्तोत्रम् - आनन्दभैरवी उवाच अथ वक्ष्य...
सती पार्वतीची दहा रूपे - काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, धूमावती, त्रिपुर सुंदरी, मातंगी, षोड़शी आणि भैरवी.
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