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लावणी - किती रे धीर धरू मी यावरी ...
शाहीर प्रभाकर महाराष्ट्रातील कवी मंडळातील शाहीर कवी म्हणून ओळखले जातात.
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काबीजाती
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निरनिमित्त
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जव्हर
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अहाली मवाली
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कुरकुलें
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कुरकूल
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अध्याय ६१ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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संत तुकाराम - अवघ्या संसाराचा केलासे नि...
संत तुकाराम गाथेत समाविष्ट न केलेले अप्रसिद्ध अभंग.
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अध्याय ७६ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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एकनाथी भागवत - श्लोक १ ला
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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अध्याय ८२ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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भजन - तुम्ही चला चलागे चला सकल ...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
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कुरकुली
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निपटणा
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गर्गाचार्य - अभंग १७
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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वेदस्तुति - श्लोक ४५
' हरिवरदा ’ ग्रंथातील वेदस्तुती भागाची ही रसाळ प्राकृत भाषेत स्वामी श्रीकृष्णदयार्णव स्वामींनी लिहीलेली टीका आहे.
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राम गणेश गडकरी - नीज गुणी बाळ झणीं शान्त ,...
राम गणेश गडकरींनी मराठी साहित्यात मोलाची भर घातली.
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अध्याय ८६ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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उत्कृति
निरंजन माधव लिखित सद्वृत्तमुक्तावली.
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अध्याय ६३ वा - आरंभ
अध्याय ६३ वा
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कुरकुला
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शिवचरित्र - लेख ४३
छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते.
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अध्याय ७७ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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प्रतिज्ञा
भा.रा.तांबे यांच्या कविता अत्यंत हळुवार असून त्या मनाला भिडतात
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अर्थालंकार - विधि
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास अलंकार असे म्हणतात.
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घुमरी
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तुटी
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धावणी
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शिवचरित्र - लेख ४२
छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते.
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अध्याय ६१ वा - श्लोक ६ ते १०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्री नवनाथ भक्तिसार पोथी - अध्याय ७
श्रीनवनाथभक्तिसार ही पोथी अत्यंत श्रेष्ठ असून परमप्रासादिक आहे व साधकाला विधिपूर्वक वाचन केले असता दिव्य अनुभव मिळतो.
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श्रीशिवलीलामृत - अध्याय चौदावा
भगवान शंकराची कृपा प्राप्त करून घेण्यासाठी शिवलीलामृत पोथीचे पारायण करावे.
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शिवचरित्र - लेख ४८
छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते.
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मध्यखंड - गर्भस्छान
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
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अध्याय ५५ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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खोंप
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Tags: পঁ্জা, देरा, কুটীর, ઝૂંપડી, तृणकुटी, ಗುಡಿಸಲು, پٕہَر, കുടില്, झोपडी, ꯈꯥꯡꯄꯣꯛꯁꯡ, କୁଡ଼ିଆ, ਝੋਪੜੀ, कुटी, குடிசை, కుటీరం, کٹیا, جھونپڑی পর্ণকুটির, પર્ણકુટી, पर्णकुटी, ಪರ್ಣಕುಟೀರ, چَھپَرٕٕ, پھہر, പര്ണ്ണകുടീരം, ꯎꯅꯥꯒꯤ꯭ꯌꯨꯝ, ପତ୍ରକୁଡ଼ିଆ, पर्णशाला, இலைகுடிசை, పర్ణకుటీరం, پتے کی جھونپڑی, پتے کی کٹیا
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धावण
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निरुपण
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निरोपण
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वामन पंडित - शुकाष्टक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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शिवचरित्र - लेख ६६
छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते.
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अध्याय ८५ वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय पस्तीसावा - श्लोक १५१ ते २२१
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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श्री नवनाथ भक्तिसार पोथी - अध्याय १०
श्रीनवनाथभक्तिसार ही पोथी अत्यंत श्रेष्ठ असून परमप्रासादिक आहे व साधकाला विधिपूर्वक वाचन केले असता दिव्य अनुभव मिळतो.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ९ - अध्याय १६
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ९ - अध्याय १३
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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अध्याय तेवीसावा - श्लोक ५१ ते १००
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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श्री नवनाथ भक्तिसार पोथी - अध्याय ३
श्रीनवनाथभक्तिसार ही पोथी अत्यंत श्रेष्ठ असून परमप्रासादिक आहे व साधकाला विधिपूर्वक वाचन केले असता दिव्य अनुभव मिळतो.
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अध्याय ७३ वा - श्लोक ५ ते १०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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