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यज्ञवोढवे
Meanings: 1;
Dictionaries: 1;
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Tags: N/A
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मण्डल ७ - सूक्तं ९२
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल ४ - सूक्तं २९
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
Type: PAGE | Rank: 0.02194284 | Lang: NA
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मण्डल ४ - सूक्तं ३३
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल ५ - सूक्तं ४३
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल ५ - सूक्तं ४१
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल १ - सूक्तं ९१
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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दिक्पाल देवताओंकी स्थापना
ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये ।
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पूजा विधी - सतोरण द्वारपाल दिक्पाल पूजनम्
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ४
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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वामनपुराण - अध्याय ५ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ५
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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अथ इन्द्रादीनां पूजनपूर्वकबलिदानप्रयोगः
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
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वामनपुराण - अध्याय ४ था
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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अथर्ववेदः - काण्डं ७
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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जानकीहरणम् - पञ्चदशः सर्गः
'जानकीहरणम्' ह्या महाकाव्याच्या रचयिताचे नाव 'कुमारदास' होते,
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सरस्वतीरहस्योपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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सरस्वतीरहस्योपनिषत्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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विंशतिकाण्ड: - ३१ ते ३५
पैप्पलादसंहिता
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मध्यम भागः - अध्यायः १५
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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इतिहासोपनिषत्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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पाद ४ - खण्ड ५१
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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उत्तरार्धम् - अध्यायः १७
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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अथर्ववेदः - काण्डं ५
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १५१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अथर्ववेदः - काण्डं १८
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.004702037 | Lang: NA
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पूजा विधी - सर्वतोभद्र देवता पूजनम्
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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अथर्ववेदः - काण्डं १९
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १४९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अथर्ववेदः - काण्डं १०
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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अथर्ववेदः - काण्डं १
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.003324843 | Lang: NA
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अथर्ववेदः - काण्डं ९
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.003324843 | Lang: NA
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प्रति
Meanings: 377;
Dictionaries: 8;
Tags: prati, প্রতিলিপি, लिरस्लायनाय, પ્રતિ, प्रति, ಪ್ರತಿ, نقل, കോപ്പി, नक्कल, ꯁꯤꯟꯗꯣꯛꯂꯕ꯭ꯃꯑꯣꯡ, ନକଲ, ਕਾਪੀ, ప్రతి, نقل, کاپی কপি, कपि, প্রতিলিপি, નકલ, ಪ್ರತಿ, کاپی, प्रती, കോപ്പി, प्रत, प्रति, కాపి, کاپی, نقل প্রতিলিপি, लिरस्लायनाय, પ્રતિ, ಪ್ರತಿ, نقل, കോപ്പി, नक्कल, ꯁꯤꯟꯗꯣꯛꯂꯕ꯭ꯃꯑꯣꯡ, प्रति, ନକଲ, ਕਾਪੀ, ప్రతి, نقل, کاپی কপি, कपि, প্রতিলিপি, નકલ, प्रति, ಪ್ರತಿ, کاپی, प्रती, കോപ്പി, प्रत, కాపి, کاپی, نقل
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Tags: N/A
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पाद ४ - खण्ड ५८
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003134692 | Lang: NA
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पाद २ - खण्ड ५४
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003134692 | Lang: NA
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सारस्वत चम्पू - सर्ग १
सारस्वत चम्पू
Type: PAGE | Rank: 0.003134692 | Lang: NA
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पाद २ - खण्ड ४७
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003134692 | Lang: NA
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पाद ४ - खण्ड ७२
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003134692 | Lang: NA
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अथर्ववेदः - काण्डं ११
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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सु
Meanings: 820;
Dictionaries: 7;
Tags: su, গুঠা, গাঁথা, गूथना, ಕಟ್ಟು ಹೆಣೆ, تارُن, गुंथप, കോര്ക്കു ക, ओवणे, गाँस्नु, ଗୁନ୍ଥିବା, ਗੁੰਦਣਾ, गुम्फ्, கோர், కుట్టు, گھتنا, پرونا ধোৱা, ধোওয়া, ધોવું, धोना, چھَلُن, धुवप, കഴുകുക, धुणे, ꯆꯥꯝꯕ, धुनु, ଧୋଇବା, प्रक्षल्, துவை, కడుగు, دھونا, دھلنا موٚہ, ꯀꯇꯥ, सुइ, सूचनादण्डः কাঁইট, কাঁটা, કાંટો, काँटा, ಮುಳ್ಳು, कांटो, മുള്ള്, काटा, ꯇꯤꯡꯈꯡ, କଣ୍ଟା, ਕੰਡਾ, कण्टकः, முள், ముళ్ళు, کانٹا, خار, হনা, ঢুকিয়ে দেওয়া, ખોસવું, घोंपना, ژٮ۪ل دِتھ بَرُن, घुसोवप, കുത്തുക, खुपसणे, ꯊꯤꯟꯕ, घोप्नु, ଭୁସିବା, ਖੋਭਣਾ, सम्प्रविश्, குத்த, పొడుచు, گھونپنا, گھوسانا, گھوسیڑنا, بھونکنا, پیلنا, دھنسانا ফুক দিয়া, پھۄکھ دِیُن, بجاوُن, ꯃꯣꯏꯕꯨꯡ꯭ꯈꯣꯡꯕ, फुक्नु, ध्मा, పద్దెనిమిదవ., دم کرنا, پھونکنا জোখা, તોલવું, तौलना, ತೂಕ ಮಾಡು, जोखप, തൂക്കുക, वजन करणे, जोख्नु, ମାପିବା, ਤੋਲਣਾ, तोलय, எடைபோடு, తూచుట, تولنا, جوکھنا, وزن کرنا کٔنٛڈۍ, कांटे, काँढा, ਕੰਢੇ, முள்வேலி, کانٹا, خاردار ধোয়া, ધોવાવું, धुलना, ಹೊಗೆ, چھَلنہٕ یُن, തുണികഴുകുക, धुतले जाणे, धुइनु, ସଫା କରାଯିବା, ਧੁਲਣਾ, ఉతకబడు, دھلنا ফুওৱা, ফুঁ দেওয়া, फूँकना, ಊದು, फुकप, ഊതുക, फुंक मारणे, ꯀꯥꯝꯕ, ଫୁଙ୍କିବା, फुत्कृ, ஊது, ఊదు, پھونکنا, ہوادینا ধোৱা, ধোওয়া, ખંગાળવું, खँगालना, ತೊಳೆ, چَھلُن, കഴുകുക, खंगाळणे, ꯊꯥꯗꯣꯛꯄ, पखाल्नु, ସଫାକରିବା, ਖੰਗਾਲਣਾ, परिक्षल्, அலசு, کھگنالنا तागना, ویٚٹھ ٹیب دِنۍ, तोंपणावप, കൂട്ടിയോഗിപ്പിക്കൽ, ତାଗେଇବା, ਨਗੰਦਣਾ, தையல்போடு, ٹانکنا, تاگنا, سلنا চিলোৱা, સીવવું, सीना, سُوُن, शिंवप, തയ്ക്കുക, ꯇꯨꯕ, सिउँनु, ସିଲେଇ, ਸਿਉਂਣਾ, सिव्, தைத்தல், سلنا, سلائی کرنا, ٹانکنا धोना, उमळप, ਧੋਣਾ, प्रक्षालय, دھونا, صاف کرنا খুঁচ্া, ফোটাল, ખોસવું, चुभाना, ٹُھکُن, तोंपप, കുത്തുക, टोचवणे, रोप्नु, ଫୋଡ଼ିବା, ਖਬੋਣਾ, குத்து, గుచ్చు, گڑانا, چبھانا, گودنا জোখা, মাপা, ಅಳತೆಮಾಡು, میٛنُن, मापप, मापणे, ꯑꯣꯟꯕ, नाप्नु, ମାପିବା, ਮਾਪਣਾ, मा, அளவெடு, కొలుచు, ناپنا, تولنا, ماپنا, پیمائش کرنا
Type: WORD | Rank: 0.002742855 | Lang: NA
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पाद १ - खण्ड ६२
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.002742855 | Lang: NA
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अथर्ववेदः - काण्डं ६
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.001959182 | Lang: NA
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अथर्ववेदः - काण्डं २०
अथर्ववेदात देवतांची स्तुति तसेच जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान आणि दर्शनाचे मन्त्र सुद्धा आहेत.
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