-
अन्ननलिका
Meanings: 3;
Dictionaries: 3;
Tags: থাদ্যনালী, અન્નનળી, ग्रासनली, بتہٕ نور, अन्ननळी, ଗ୍ରାସନଳୀ, ਗ੍ਰਾਸਨਲੀ, अन्ननलिका, منہ کی نلی থাদ্যনালী, અન્નનળી, ग्रासनली, بتہٕ نور, अन्ननळी, अन्ननलिका, ଗ୍ରାସନଳୀ, ਗ੍ਰਾਸਨਲੀ, منہ کی نلی
Type: WORD | Rank: 0.03492946 | Lang: NA
Tags: N/A
-
invite
Meanings: 9;
Dictionaries: 4;
Tags: প্রলুব্ধ কৰা, লুব্ধ কৰা, নিমন্ত্রিত কৰা, নিমন্ত্রণ দিয়া, মতা, আমন্ত্রিত কৰা, लुबैहो, लुबै हो, हास्थाइ हो, हांख्राय, लिं, लें, नेउथा हो, નિમંત્રિત કરવું, નિમંત્રવું, નોતરવું, આમંત્રિત કરવું, નોતરુ આપવું, નિમંત્રણ આપવું, ललचाना, लालच देना, लुब्ध करना, लुभाना, निमंत्रित करना, निमंत्रण देना, आमंत्रित करना, बुलाना, निमन्त्रित करना, निमन्त्रण देना, निमंत्रना, निमन्त्रना, न्योतना, नेवतना, नेउतना, न्यौता देना, तलब करना, अमातना, لالٕچ دٕنۍ, دعوت دُین, پرٕژُن, دَپنہ یُن, ल्हेंवटावप, आशेवप, आस्त दाखोवप, आस दाखोवप, निमंत्रीत करप, आमंत्रण देणे, निमंत्रण करणे, बोलावणे, लोभ्याउनु, लोभ देखाउनु, ଲୋଭାଇବା, ଲାଳସେଇବା|, ନିମନ୍ତ୍ରଣ କରିବା, ଆମନ୍ତ୍ରଣ କରିବା, ଡାକିବା, ନିମନ୍ତ୍ରିତ କରିବା, ਲਲਚਾਉਣਾ, ਲਾਲਚ ਦੇਣਾ, ਲੁਭਾਉਣਾ, ਸੱਦਾ ਦੇਣਾ, ਬੁਲਾਉਂਣਾ, ਬੁਲਾਵਾ ਭੇਜਣਾ, ਬੁਲਾਵਾ ਦੇਣ, ਤਲਬ ਕਰਨਾ, निमन्त्रय, आमन्त्रय, उपनिमन्त्रय, सन्निमन्त्रय, आह्वे, समाह्वे, उपह्वे, केतय, सङ्केतय, अभ्यर्थय, आकारय, आवाहय, ఆశపెట్టు, مدعوکرنا, دعوت دینا, طلب کرنا, بلانا, نیوتادینا
Type: WORD | Rank: 0.02095768 | Lang: NA
Tags: N/A
-
पार्वतीखण्डः - अध्यायः ५२
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01047884 | Lang: NA
-
अन्नम्
Meanings: 61;
Dictionaries: 2;
Tags: annam, খাদ্যবস্তু, जानाय मूवा, খাদ্য বস্তু, ખાદ્ય-વસ્તુ, खाद्य वस्तु, ತಿನ್ನುವ ವಸ್ತು, کھٮ۪نہٕ چیز, खाण, ഭക്ഷ്യവസ്തു, खाद्य, ꯆꯥꯅꯕ꯭ꯄꯣꯠꯂꯝ, ଖାଦ୍ୟବସ୍ତୁ, ਖਾਦ ਪਦਾਰਥ, உணவுப்பொருட்கள், ఆహారపదార్థం, اشیائےخوردنی, خوردنی اشیا, غذائی اجناس, اناج, غلہ
Type: WORD | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
Tags: N/A
-
सप्तविंशतिमण्डपलक्षणं नाम सप्तषष्टितमोऽध्यायः - १ ते ५०
समराङ्गणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी।
Type: PAGE | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
-
सुप्रभेदागमः - परिवारविधिपटलः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
-
अथ क्रियापादः - परिवारविधिपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
Type: PAGE | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४९४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
-
निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १९
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
Type: PAGE | Rank: 0.008732365 | Lang: NA
-
कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः १७
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.006985893 | Lang: NA
-
त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ३४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.006985893 | Lang: NA
-
आश्विनमास: - उपाङ्गललिताकथा
सर्व जगतात हिंदू धर्माची व्याख्या होते ती, धर्मातील उपासना आणि उत्सवप्रियतेमुळे, आणि यांना जोड असते व्रत-वैकल्याची आणि धार्मिक पूजेची.
Type: PAGE | Rank: 0.006112656 | Lang: NA
-
त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ५९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.006112656 | Lang: NA
-
त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २३८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.006112656 | Lang: NA
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १२
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 0.00523942 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३२२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00523942 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३२०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00523942 | Lang: NA
-
रसरत्नसमुच्चय - अध्याय १६
श्रीशालिनाथ कृत रसरत्नसमुच्चय रसचिकित्सा का सर्वांगपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें रसों के उत्तम उपयोग तथा पारद-लोह के अनेक संस्कारों का उत्तम वर्णन है अतएव समाज में यह बहुपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
Type: PAGE | Rank: 0.00523942 | Lang: NA
-
उत्तरभागः - अध्यायः २७
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
Type: PAGE | Rank: 0.00523942 | Lang: NA
-
श्री नारदीयमहापुराणम् - एकोनाशीतितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
Type: PAGE | Rank: 0.003492946 | Lang: NA
-
श्री विष्णु सहस्त्रनामावलिः - १. ॐ विश्वस्मै नमः । २.ॐ...
हिंदू देवी देवतांची एक हजार नावे म्हणजेच सहस्त्रनामावली. हिंदू धर्मिय रोज सकाळी संध्याकाळी या नावांचा जप करतात.
A sahasranamavali is a type of Hindu scripture in which a diety is referred to by 1000 or more different names.Many devout Hindus chant them every morning or evening.
Type: PAGE | Rank: 0.003492946 | Lang: NA
-
श्री शिव सहस्रनामावलिः - १. ॐ स्थिराय नमः । २. ॐ ...
हिंदू देवी देवतांची एक हजार नावे म्हणजेच सहस्त्रनामावली. हिंदू धर्मिय रोज सकाळी संध्याकाळी या नावांचा जप करतात.
A sahasranamavali is a type of Hindu scripture in which a diety is referred to by 1000 or more different names.Many devout Hindus chant them every morning or evening.
Type: PAGE | Rank: 0.003492946 | Lang: NA
-
पातालखण्डः - अध्यायः ११६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.003492946 | Lang: NA
-
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा व्रत
सार्थ श्रीसत्यनारायण पूजा Satyanarayan Pooja Vrat
Type: PAGE | Rank: 0.003056328 | Lang: NA
-
पातालखण्डः - अध्यायः ११४
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.003056328 | Lang: NA