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क्षेत्ररक्षणम्
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Dictionaries: 1;
Tags: ফিলডিং, ફિલ્ડિંગ, क्षेत्र रक्षण, ಫೀಲ್ಡಿಂಗ್, فیٖلڈِنٛگ, ଫିଲଡିଙ୍ଗ, فیلڈنگ, گیندبازی
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क्रमसूची
Meanings: 2;
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Tags: ক্রমসূচী, ક્રમ-સૂચિ, क्रम-सूची, क्रमसुची, क्रमवारी, କ୍ରମସୂଚୀ, ਕ੍ਰਮ-ਸੂਚੀ, رینکنگ, درجہ بندی
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विश्वस्तरः
Meanings: 1;
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Tags: আন্তর্জাতিক ক্ষেত্র, વિશ્વસ્તર, विश्वस्तर, संवसारीक पांवडो, ବିଶ୍ୱସ୍ତର, ਵਿਸ਼ਵਪੱਧਰ, عالمی سطح
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india
Meanings: 4;
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Tags: উত্তৰ ভাৰত, উত্তৰ-ভাৰত, আর্যাৱর্ত, सा_भारत, আর্যাবর্ত, উত্তর ভারত, उत्तर भारत, आर्यावर्त, उत्तरी भारत, شُمٲلی_ہِنٛدُستان, उत्तर_भारत, उत्तर भारत, आर्यवर्त, उत्तरी भारत, ଉତ୍ତରଭାରତ|, ਉੱਤਰ ਭਾਰਤ, ਉੱਤਰੀ ਭਾਰਤ, उत्तरभारतः, ఉత్తర_భారతదేశము, شمالی ہندوستان, اتری ہندوستان
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उपाख्यानम्
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Tags: upākhyānam,
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परिबृं
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Tags: paribṛ,
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स्तुतिः - भारती स्तुतिः
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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Tags: स्तुति stuti praise
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श्रीवेदव्यासस्तोत्रम्
श्री प. प. नृसिंहसरस्वतीदीक्षितस्वामीमहाराज कृतस्तोत्रादिसंग्रह:
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Tags: dikshit swami god goddess stotra देवता देवी दीक्षित स्वामी स्तोत्र संस्कृत
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उपमेयोपमा अलंकारः - लक्षण २
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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Tags: rasagangadhar रसगंगाधर व्याकरण संस्कृत grammer
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अध्याय १५ - पाण्डवचरितवर्णनम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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संशयरत्नमाला - श्लोक ३३ ते ३६
मोरोपन्त (मोरेश्वर रामजी पराडकर, १७२९–१७९४) यांच्या संशयरत्नमाला काव्याचा मुकुन्द गणेश मिरजकर यांनी संस्कृतानुवाद केला.
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भविष्यपर्व - द्वात्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २७
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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अध्याय १०८ - भुवनकोषः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात देवालय निर्माणच्या हेतु विषयांत में आख्यान दिले आहे.
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वराहपुराणम् - अध्यायः ७४
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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उमासंहिता - अध्यायः १७
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय १
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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आह्वे
Meanings: 12;
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Tags: āhvē, মতা, लेंहर, બોલાવવું, बुलाना, آلو کَرُن, कुरवो, വിളിക്കുക, बोलवणे, बोलाउनु, ਬੁਲਾਉਣਾ, పిలువు, بلانا প্রত্যাহ্বান জনোৱা, फेरफाथि, দ্বন্দ্বযুদ্ধে আহ্বান করা, પડકાર આપવો, चुनौती देना, ಸವಾಲು ಹಾಕುವುದು, لڑایِہ ہٕنٛز دعوت دِنۍ, आव्हान दिवप, വെല്ലുവിളിക്കുക, आव्हान देणे, चुनौती दिनु, ଆହ୍ୱାନ ଦେବା, ਚਨੌਤੀ ਦੇਣਾ, சண்டைக்குஅழை, సవాలు విసురు, للکارنا, چیلنج کرنا, چنوتی دینا, دعوت مبارزت دینا প্রতিদ্বন্দ্বিতা কৰা, जुजि, প্রতিদ্বন্দিতা করা, લડવું, प्रतिद्वंद्विता करना, ಜಗಳವಾಡು, सर्त करप, വെല്ലുവിളിക്കുക, भांडणे, ꯁꯤꯡꯅꯕ, प्रतिद्वन्द्विता गर्नु, ପ୍ରତିଦ୍ୱନ୍ଦିତା କରିବା, ਲੜਾਈ, போட்டியிடு, గొడవపెట్టుకొను, دشمنی کرنا, لڑائی کرنا, لڑنا আটাহ পৰা, হাঁক দেওয়া, બૂમ પાડવી, हाँक लगाना, ಕೂಗಿ ಕರೆ, ഉറക്കെ വിളിക്കുക, हाक मारणे, ꯈꯣꯟꯖꯥꯎ꯭ꯊꯥꯗꯨꯅ꯭ꯀꯧꯕ, ରଡ଼ିଛାଡ଼ି ଡାକିବା, ਹਾਕ ਮਾਰਨਾ, உரக்கக்கூப்பிடு, పిలచడం, آوازدینا, پکارنا, ہاک لگانا, آوازلگانا
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योगयात्रा - प्रस्थानिकाध्याय
योग शास्त्र ऋषी मुनींनी जगाला शिकविले.
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Tags: yogayatra yoga योग वराहमिहिर योगयात्रा horoscope varahamihir astrology
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शील्
Meanings: 24;
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Tags: śīl,
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मार्कण्डेयपुराणम् - पञ्चपञ्चाशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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भूमिवर्गः - श्लोक ३ ते ४०
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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जनमेजय वैशम्पायनसंवाद:
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १८
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - चतुर्थोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः ४८
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - सप्तपञ्चाशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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वराहपुराणम् - अध्यायः ८५
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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अध्याय १३ - कुरुपाण्डवोत्पच्यादिकथनम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ८८
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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अध्याय ३३८ - नाटकनिरूपणम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - ऊनषष्टितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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पूर्वभागः - अध्यायः ४७
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - द्वितीय अंश - अध्याय ३
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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उत्तर पर्व - अध्याय १७४
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १९
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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द्वारकाखण्डः - अध्यायः २१
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - त्रिपञ्चाशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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Tags: मार्कण्डेय पुराण पुराण संस्कृत markandey puran puran sanksrit
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मुमुक्षुव्यवहारप्रकरणम् - सर्गः ३
योगवासिष्ठः
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पूर्वार्धम् - अध्यायः ४६
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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अनुषङ्गापादः - अध्यायः १७
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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Tags: brahmand puran puran पुराण ब्रह्माण्ड पुराण संस्कृत
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ७०
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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Tags: brahmapuran puran पुराण ब्रह्मपुराणम् संस्कृत
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आचारकाण्डः - अध्यायः १४५
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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प्रथमः स्कन्धः - अध्यायः १६
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः ५३
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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Tags: brahmand puran puran पुराण ब्रह्माण्ड पुराण संस्कृत
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प्रथमः स्कन्धः - अथ षोडशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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काव्यमीमांसा - द्वितीयो ऽध्यायः
संस्कृत कवि राजशेखरद्वारा द्वारा रचित काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे। राजशेखर महाराष्ट्र देशवासी थे और यायावर वंश में उत्पन्न हुए थे।
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सर्ग तिसरा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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Tags: book yog पुस्तक योगवासिष्ठ संस्कृत
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पूर्वभागः - पञ्चचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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