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work bills
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advance bills
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monthly pay bills
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rediscounte bills
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bills first and final
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bills first and running
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bills running account
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cheques and bills
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reverse council bills
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ad hoc treasury bills
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bills discounted
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there are no outstanding unpaid bills (both payble and receivable
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leave salary advance bills should be included in the expenditure statements in the same month in which they are cashed
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अभ्याविश्
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Tags: সোমাই যোৱা, हाब, ঢুকে যাওয়া, ઘૂસવું, ಒಳಹೋಗು, اَژُن, रिगप, നുഴഞ്ഞുകയറുക, ꯆꯪꯕ, पस्नु, ପଶିବା, ਵੜਨਾ, நுழை, ప్రవేశించు, گھسنا, اندرچلاجانا, اندرجانا
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मूषकः
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Tags: নিগনি, एनजर, ইঁদুর, ઉંદર, चूहा, ಇಲಿ, گَگُر, कोळहुंदीर, എലി, उंदीर, ꯎꯆꯤ, मुसा, ମୂଷା, ਚੂਹਾ, எலி, ఎలుక, چوہا
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mouse
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Tags: পলাই যোৱা, উধাও হোৱা, थांखोमा, थांखुमा, છટકવું, છટકી જવું, નાસી જવું, સટકવું, ભાગી જવું, खिसकना, सटकना, खिसक जाना, सटक जाना, चलता बनना, सटक लेना, किड़कना, ژوٗرِ_یُن_گَژھن, सटकप, फरार जावन, चलूंक लागप, नाच्च जावप, दोळ्यार हात काडप, പതുങ്ങി പോവുക, മിണ്ടാതെ പോവുക, पळ काढणे, पलायन करणे, सटकणे, पसार होणे, सुँइकुच्चा ठोक्नु, सुटुक्क जानु, ଖସିଯିବା, पलाय्, विपलाय्, प्रपलाय्, జారుకొను, మెళ్ళగా, నక్కుట, ప్రాకు, జాఱు মাউচ, माउस, মাউস, माऊस, माउस, संगणक-मूषक, مَوُس, मावस, മൌസ്., उंदीर, माउस, ମାଉସ
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burrow
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बिलम्
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Tags: bilam, গাঁত, গর্ত, દર, बिल, ಬಿಲ, وٲجۍ, മാളം, बीळ, ꯃꯈꯨꯜ, ଗାତ, ਰੁੱਡ, రంధ్రము, بل, سوراخ, چھید, حشرات الارض کے رہنے کا سوراخ
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मूशिकाख्यायिका
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १६
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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अंशुमत्काश्यपागमः - पादशिलादिलक्षणपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ.
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द्वितीय स्कन्धः - अध्यायः २
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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प्र.के.अत्रे - भाजी मंडइतूनि घेउनि घरा ह...
प्रल्हाद केशव अत्रे (१३ऑगस्ट १८९८ - १३ जून १९६९) हे मराठीतील नावाजलेले लेखक, कवी, नाटककार, मराठी व हिंदी चित्रपट निर्माते, चित्रपट कथाकार, चरित्र लेखक, शिक्षणतज्ञ, संपादक, पत्रकार, राजकारणी, हजरजबाबी वक्ते आणि संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीचे एक प्रमुख नेते होते.
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किष्किंधाकांडम् - काव्य २५१ ते ३००
किष्किन्धाकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील चवथे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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द्वितीयः स्कन्धः - अथ तृतीयोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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प्र.के.अत्रे - मना , नीट पंथे कधीही न जा...
प्रल्हाद केशव अत्रे (१३ऑगस्ट १८९८ - १३ जून १९६९) हे मराठीतील नावाजलेले लेखक, कवी, नाटककार, मराठी व हिंदी चित्रपट निर्माते, चित्रपट कथाकार, चरित्र लेखक, शिक्षणतज्ञ, संपादक, पत्रकार, राजकारणी, हजरजबाबी वक्ते आणि संयुक्त महाराष्ट्राच्या चळवळीचे एक प्रमुख नेते होते.
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प्रथमकाण्ड - ९१ ते ९५
पैप्पलादसंहिता
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अध्याय चवथा - श्लोक ५१ ते ६०
कपिल ऋषी प्राचीन भारतातील एक प्रभावशाली मुनि होऊन गेले. यांना सांख्यशास्त्र विषयातील आध्य प्रवर्तक मानतात.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ४५
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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उत्तर पर्व - अध्याय १४६
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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अंशुमत्काश्यपागमः - शूलस्थापनविधिपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ.
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हरिवंश पर्व - अष्टत्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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द्वितीयपरिच्छेदः - षष्ठोऽध्यायः
प्रकाशसंहिता
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स्वर्गखण्डः - अध्यायः ५२
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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अध्याय ३७ वा - श्लोक ६ ते १०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ६ - भाग २
महर्षि पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी हा संस्कृत व्याकरणावरील एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ आहे, जो ई.पू. ५००व्या शतकात रचला गेला.
Type: PAGE | Rank: 0.006172798 | Lang: NA
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शतरुद्रसंहिता - अध्यायः ६
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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अध्याय ५६ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २५६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३५९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.005401198 | Lang: NA
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २८९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.005401198 | Lang: NA
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ४१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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नवसाहसाङ्कचरितम् - अष्टमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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रसरत्नाकर - प्रकरण ३.१९
रसायनशास्त्रावरील प्रसिद्ध ग्रंथांपैकी एक आहे रसरत्नाकर. याचे रचनाकार नित्यनाथसिद्ध नागार्जुन होत. या ग्रंथात मुख्यत: धातुंचे शोधन, मारण, शुद्ध पारद प्राप्ति शिवाय भस्म बनविण्याच्या विधींचे वर्णन आहे.
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मित्रसम्प्राप्ति - प्रारंभ
पंचतंत्र मतलब उच्चस्तरीय तात्पर्य कथा संग्रह।
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॥ अथ रसादीनां पाकलक्षणमाह ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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सूत्रस्थान - अध्याय ०६
आयुर्वेदातील अष्टांग हृदय प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. याचे रचनाकार आहेत, वाग्भट. या ग्रंथाचा रचनाकाल ई.पू.५०० ते ई.पू.२५० मानतात. या ग्रंथात औषधि आणि शल्यचिकित्सा दोन्हींचाही समावेश आहे.
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पाद १ - खण्ड ४२
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः ७१
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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उत्तरार्धम् - अध्यायः ३४
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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