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muchness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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numerousness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07518142 | Lang: NA
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frequence
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
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plurality
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
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copiousness
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06014514 | Lang: NA
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exuberance
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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abundance
Meanings: 12; in Dictionaries: 6
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plenty
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
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largeness
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
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multiplicity
Meanings: 14; in Dictionaries: 11
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plural
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.03007257 | Lang: NA
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multitude
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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amplitude
Meanings: 16; in Dictionaries: 12
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चतुर्थपरिच्छेदः - परिच्छेदः १
श्री १००८ श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्य-योगीन्द्रवर्य-श्रीआत्मानन्दसर स्वतीस्वामिभिंर्विरचितः ।
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खण्डः ३ - अध्यायः ०१८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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मणिकर्णिकाष्टकम् - त्वत्तीरे मणिकर्णिके हरिह...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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मणिकर्णिकाष्टकम् - त्वत्तीरे मणिकर्णिके हरिह...
देवी देवतांची अष्टके, आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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विष्णुस्मृतिः - अध्यायः ८
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ३७
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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large
Meanings: 22; in Dictionaries: 7
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much
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
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quantity
Meanings: 42; in Dictionaries: 22
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विष्णुसंहिता - तृतीयः पटलः
विष्णुसंहितामध्ये प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, तर्क, समाधि आणि ध्यान हे क्रमवार आहेत.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २४३
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ६४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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deal
Meanings: 52; in Dictionaries: 9
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विष्णुधर्माः - अध्याय ४०
विष्णुधर्माः
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प्रथम: पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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number
Meanings: 101; in Dictionaries: 14
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रामानुजभाष्य - अध्याय ५
वेदान्तचा शाब्दिक अर्थ आहे, वेदांचा अंत अथवा सार. ही ज्ञानयोगाची एक शाखा आहे, जी व्यक्तिला ज्ञान प्राप्तिच्या दिशेने उत्प्रेरित करते. वेदान्तच्या तीन मुख्य शाखा आहेत, अद्वैत वेदांत, विशिष्ट अद्वैत आणि द्वैत.
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पदकांड - जातिसमुद्देश
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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उत्तरार्धम् - अध्यायः ५
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः ३
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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अपरोक्षानुभूति
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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ब्राहृनन्दवल्ली
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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मनुस्मृतिः - अष्टमोध्यायः
मनुस्मृती हे धर्मशास्त्र आहे. वर्णधर्म, आश्रमधर्म, वर्णाश्रमधर्म, राजधर्म, व्यवहारनिर्णय, स्त्रीधर्म व पुरूषधर्म यांच्या या स्मृतीमध्ये व्याख्या सांगून त्यांची निष्कृती कोणत्या उपायांनी करावी हे सुचविले आहे.
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