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proposal
Meanings: 15;
Dictionaries: 9;
Tags: প্রস্তাৱ, বিবাহ প্রস্তাব, जुलिनि रादाय, जुलिनि रादाइ, বিবাহ_প্রস্তাব, માંગુ, માગું, લગ્ન પ્રસ્તાવ, रिश्ता, विवाह प्रस्ताव, رشتہ, सोयरीक, मागणी, लग्नाची मागणी, विवाहाचा प्रस्ताव, ବିବାହ_ପ୍ରସ୍ତାବ, ਰਿਸ਼ਤਾ, ਵਿਆਹ ਪੇਸ਼ਕਸ਼, ਵਿਆਹ ਪ੍ਰਸਤਾਵ, विवाहप्रस्तावः, پیغام, رشتہ, پیشکش, تجویز
Type: WORD | Rank: 0.03124678 | Lang: NA
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proposition
Meanings: 27;
Dictionaries: 14;
Tags: পৰামর্শ, ্ৰায়, মন্তব্য, মতামত, सुबुरुन, बिथोन, અભિપ્રાય, સલાહ, મત, વિચાર, સલાહ, પરામર્શ, મંતવ્ય, સજેશન, सुझाव, तरकीब, राय, सलाह, परामर्श, मंतव्य, मन्तव्य, مَشوَرٕ, راے, صَلاح, تَرکیٖب, सल्लो, मत, सुचोवणी, सूचना, सुझाव, सल्लाह, परामर्श, ପରାମର୍ଶ, ଅଭିମତ, ମତ, ମନ୍ତବ୍ୟ, ਸੁਝਾਵ, ਸੁਝਾਉ, ਰਾਯ, ਸਲਾਹ, सूचना, उपन्यासः, उपक्षेपः, प्रस्तावः मन्त्रणम्, उपदेशः, बुद्धिः, సలాహా, అభిప్రాయము, مشورہ, صلاح, رائے, تدبیر, ترکیب, منشا, ارادہ, خیال
Type: WORD | Rank: 0.02499742 | Lang: NA
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समयः
Meanings: 5;
Dictionaries: 1;
Tags: বুজাবুজি, रादाय, অনুবন্ধ, કરાર, अनुबंध, ಒಪ್ಪಂದ, مُہادٕ, कबलात, കരാറ്, करार, ꯌꯥꯅꯕ꯭ꯋꯥꯐꯝ, अनुबन्ध, ସର୍ତ୍ତ, ਫੈਸਲਾ, ஒப்பந்தம், ఒప్పందం, معاہدہ, سمجھوتہ, مفاہمت, باہم قول و قرار, قرار, قرارنامہ, عہدنامہ পূর্বচুক্তি, आगु रादाय, প্রয়োজনীয় অবস্হা, પૂર્વાપેક્ષા, पूर्वापेक्षा, ಪೂರ್ವಾಪೇಕ್ಷ, شرط, पुर्वापेक्षा, ꯍꯥꯟꯅ꯭ꯃꯔꯤ꯭ꯂꯩꯅꯕꯒꯤ꯭ꯃꯑꯣꯡ, ପୂର୍ବଚୁକ୍ତି, ਪੂਰਵ ਇੱਛਾ, முன்நிபந்தனை, شرط اول সময়, સમય, وَقت, وَق, دۄہ, ؤری, وقت, گھڑی, زمانہ, مدت સમય, وقت, مدت, زمانہ, عرصہ
Type: WORD | Rank: 0.02187274 | Lang: NA
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engagement
Meanings: 13;
Dictionaries: 6;
Tags: সমভাগিতা, बाहागो थाफानाय, बाहागो थादेरनाय, অভিসার, সহভাগিতা, সংভাগিতা, अभिसार, डेट, सम्मिलन, सहभागिता, संभागिता, حِصہٕ, भेंट, सहभाग, वांटो, भागेलपण, अंग, सहभाग, हात, सहभागिता, समभाग, ଅଂଶ, ସହଭାଗିତା, ਸਹਿਭਾਗਤਾ, ਭਾਗੀਦਾਰੀ, ਸਾਂਝ, अभिसारः, संम्मिलनम्, सहभागः, భాగస్వామ్యం, భాగం, شراکت داری, ساجھےداری, اشتراک
Type: WORD | Rank: 0.01874807 | Lang: NA
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abide
Meanings: 12;
Dictionaries: 5
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adhere
Meanings: 17;
Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.01562339 | Lang: NA
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सुंदरकांडम् - काव्य ३५१ ते ४००
सुन्दरकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील पाचवे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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position
Meanings: 47;
Dictionaries: 19;
Tags: ৰখা, दोन, लाखि, আবৃত রাখা, গৃহ, ঘর, रखना, धरना, घालना, تھاوُن, تراوُن, दवरप, -च्यात_असणे, ରଖିବା, ਰੱਖਣਾ, ਧਰਨਾ, स्थापय, धा, न्यस्, विन्यस्, رکھنا, دھرنا, نصب کرنا মুদ্রা, স্থিতি, অৱস্থিতি, স্থাপন, প্রতিষ্ঠা, পক্ষ, मुद्रा, पस, थासारि, थाथाय, गायसननाय, गायसनथिनाय, फसंथिनाय, फारसे, স্থাপনা, প্রতিষ্ঠান, স্থাপন, পক্ষ, দিক, তরফ, সাইড, তরফদারি, সমর্থন, મુદ્રા, ઠવન, આસન, પોઝ, સ્થિતિ, સ્થાન, અવસ્થિતિ, દરજ્જો, આસ્પદ, स्थान, जगह, मुद्रा, ठवन, पोज, पोज़, स्थिति, अवस्थिति, आस्पद, कुर्सी, कुरसी, अधिकारी का पद, स्थापना, प्रतिष्ठान, स्थापन, अवस्थापन, आधान, आस्थापन, पक्ष, پوز, پوسچَر, حالَت, عٔہدٕ, رۄتبہٕ, دَرجہٕ, بُنیاد, پہلوٗ, طرف, जागो, सुवात, स्थान, स्थळ, मुद्रा, सया, स्थिती, दशा, अवस्था, आवतिकाय, हाल, स्थापना, स्थापणूक, म्हण्णें, വശം, स्थान, जागा, स्थिती, अवस्था, प्रतिष्ठापना, स्थापना, बाजू, पक्ष, मुद्रा, पोज, स्थिति, अवस्थिति, पक्ष, ଅଙ୍ଗଭଙ୍ଗୀ, ମୁଦ୍ରା, ପୋଜ|, ସ୍ଥିତି, ଅବସ୍ଥିତି, ପଦ, ସ୍ଥାପନା, ଥାପନା, ପ୍ରତିଷ୍ଠା, ପକ୍ଷ, ਮੁਦਰਾ, ਪੋਜ਼, ਪੋਜ, ਸਥਿਤੀ, ਹਾਲਤ, ਸਥਾਪਨਾ, ਸਥਾਪਨ, ਪੱਖ, स्थलम्, स्थानम्, भावः, अवस्था, स्थितिः, अवस्थानम्, स्थापना, प्रतिष्ठापना, पक्षः, ఆకృతి, ముఖాకృతి, చిహ్నము, హోదా, అంతస్థు, వైపు, పక్షము, భాగము, حالت, انداز, وضع, شکل, ادا, کیفیت, حالت, صورتحال, قائم, نصب, مدعا, نقطہٴنظر, پہلو
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श्रीमधुसूदनस्तोत्रम् - ओमिति ज्ञानमात्रेण रोगाजी...
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
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promise
Meanings: 18;
Dictionaries: 7;
Tags: কথা, বচন, জবান, खोथा होनाय, बाथ्रा होनाय, रादाय, जबान, समाय लानाय, समाय, समायखिरा, खिरा, বচন, জবান, উক্তি, বাণী, বাক, বাক্য, বুলি, વચન, પ્રતિજ્ઞા, કોલ, પણ, ટેક, સોગંધ, શપથ, સમ, કસમ, સંકલ્પ, નિશ્ચય, वचन, वादा, ज़बान, वायदा, क़ौल, इक़रार, इकरार, करार, क़रार, कौल, अभिवचन, अहद, وادٕ, لَفٕظ, उतर, वचन, शब्द, वचन, शब्द, वचन, बोली, कथन, भनाइ, अडान, କଥା, ବଚନ, ਵਚਨ, ਵਾਦਾ, ਜਬਾਨ, ਜੁਬਾਨ, ਕੋਲ, ਕਰਾਰ, प्रतिज्ञा, प्रतिज्ञानम्, समयः, संश्रवः, प्रतिश्रवः, वचनम्, संविद्, संवित्, नियमः, संगरः, सङगरः सङ्केतः, अभिसंधा, अभिसन्धा, अभ्युपगमः, स्वीकारः, उररीकारः, अंगीकारः, अङ्गीकारः, परिपणनं, समाधिः, आगूः, आश्रवः, सन्धा, श्रवः, మాట, వాగ్దానము, బాస, وعدہ, عہد, قول, زبان, قرار, قسم বচন দিয়া, কথা দিয়া, প্রতিজ্ঞা কৰা, बोसोन_हो, વચન આપવું, વાયદો કરવો, જબાન આપવી, वचन देना, वादा करना, ज़बान देना, करार करना, क़रार करना, क़रार देना, करार देना, زبان دِنۍ, وادٕ کرُن, उतर दिवप, वचन दिवप, प्रतिज्ञा करप, वचन_देणे, वचन दिनु, वाचा गर्नु, प्रतिज्ञा गर्नु, किरिया खानु वचनबद्ध हुनु, ପ୍ରତିଜ୍ଞାକରିବା, ସତ୍ୟକରିବା, କଥାଦେବା, ନିୟମକରିବା, ଜବାବଦେବା, ਵਚਨ ਦੇਣਾ, ਵਾਦਾ ਕਰਨਾ, ਵਾਧਾ ਕਰਨਾ, ਜਬਾਨ ਦੇਣਾ, ਕਰਾਰ ਕਰਨਾ, ਕੌਲ ਕਰਾਰ ਕਰਨਾ, शप्, संशप्, प्रतिज्ञा, बिट्, बिट्, عہد کرنا, وعدہ کرنا, زبان دینا, قسم دینا, قرارکرنا
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मार्कण्डेयपुराणम् - द्वाविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - पञ्चविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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कूर्मपुराणः - चतुर्थोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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युद्धखण्डः - अध्यायः ९
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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अधिकरणम् ६ - अध्यायः ५
महर्षि वात्स्यायन यांच्या कामसूत्र ग्रंथात दाम्पत्य जीवनातील फक्त श्रृंगारच वर्णिलेला नसून कला, शिल्पकला आणि साहित्यपण संपादित केलेले आहे.
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अधिकरणम् ६ - अध्यायः ३
महर्षि वात्स्यायन यांच्या कामसूत्र ग्रंथात दाम्पत्य जीवनातील फक्त श्रृंगारच वर्णिलेला नसून कला, शिल्पकला आणि साहित्यपण संपादित केलेले आहे.
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पातालखण्डः - अध्यायः ३३
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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चतुर्थाष्टक - पञ्चमोsध्याय:
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत " श्रीदत्तपुराणम् "
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ८६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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युद्धकाण्डम् - काव्य ५१ ते १००
युद्धकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील सहावे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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भूमिखंडः - अध्यायः ३६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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विष्णुपर्व - अष्टषष्टितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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भूमिखंडः - अध्यायः १२१
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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बृहस्पतिस्मृतिः - साक्षिणः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ८०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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वायवीयसंहिता उत्तर भागः - अध्यायः १३
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १३०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मार्कण्डेयपुराणम् - अथैकविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ११०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मार्कण्डेयपुराणम् - तृतीयोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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उत्तरभागः - अध्यायः १६
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्रीविष्णुपुराण - चतुर्थ अंश - अध्याय २
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Puranas.
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विग्रहः - कथा ७
हितोपदेश भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं।
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विष्णुपर्व - एकोनविंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४७५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः ३७
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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वेणीसंहारः - प्रथमोऽङ्कः
भट्ट नारायण संस्कृत के महान नाटककार थे। वे अपनी केवल एक कृति वेणीसंहार के द्वारा संस्कृत साहित्य में अमर हैं।
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३९९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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वेणीसंहारः - षष्ठोऽङ्कः
भट्ट नारायण संस्कृत के महान नाटककार थे। वे अपनी केवल एक कृति वेणीसंहार के द्वारा संस्कृत साहित्य में अमर हैं।
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः ३०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १२३
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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पूर्वभागः - अध्यायः ७२
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे. हा शिव पुराणाच पूरक ग्रंथ आहे.
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वेदार्थसङ्ग्रह
वेदान्तचा शाब्दिक अर्थ आहे, वेदांचा अंत अथवा सार. ही ज्ञानयोगाची एक शाखा आहे, जी व्यक्तिला ज्ञान प्राप्तिच्या दिशेने उत्प्रेरित करते. वेदान्तच्या तीन मुख्य शाखा आहेत, अद्वैत वेदांत, विशिष्ट अद्वैत आणि द्वैत.
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वेणीसंहारः - तृतीयोऽङ्कः
भट्ट नारायण संस्कृत के महान नाटककार थे। वे अपनी केवल एक कृति वेणीसंहार के द्वारा संस्कृत साहित्य में अमर हैं।
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