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adventurously
Meanings: 2;
Dictionaries: 2;
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malapertly
Meanings: 1;
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petulantly
Meanings: 1;
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saucily
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arrogantly
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audaciously
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imperiously
Meanings: 1;
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haughtily
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insolently
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immodestly
Meanings: 1;
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impudently
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presumptuously
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daringly
Meanings: 4;
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गणेशभुजंगम् - रणत्क्षुद्रघण्टानिनादाभिर...
गणपती स्तोत्रे
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गणेशभुजंगम्
गणपती स्तोत्र पठण केल्याने ज्ञान, धनप्राप्ती होते शिवाय सर्व इच्छा पूर्ण होतात. Praying of Ganapati Stotram will help to get knowledge, wealth, get salvation and all wishes fulfilled.
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romp
Meanings: 5;
Dictionaries: 3;
Tags: बारज्ल-बाज्ला खालाम, बारलाय-खारलाय खालाम, उछल-कूद करना, कूद-फाँद करना, कूदफाँद करना, नाचप, खिदळप, उडकी मारप, ଡିଆଁଡେଇଁ କରିବା, ଡିଆଁକୁଦା କରିବା, ଖେଳକୁଦ କରିବା, ଘୋ-ଘା କରିବା, ਉਛਲ-ਕੁੱਦ_ਕਰਨਾ
Type: WORD | Rank: 0.02530269 | Lang: NA
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गणेशभुजंगम्
गणपती स्तोत्र
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dare
Meanings: 10;
Dictionaries: 4;
Tags: প্রত্যাহ্বান, दावहा नांनो हांख्रायनाय, दावहानांनो लिंनाय, લલકાર, ललकार, دھمکِی, आव्हान, ରଣହୁଙ୍କାର, ରେରେକାର|, ਲਲਕਾਰ, आह्वानम्, आकारणम्, हूतिः, प्रत्याह्वानम्, समाह्वानम्, आह्वा, उपहूतिः, अभिग्रहः, సవాలు, للکار, نعرہ, پکار, دھمکی, جھڑکی
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immodest
Meanings: 7;
Dictionaries: 3;
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impudent
Meanings: 6;
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bold
Meanings: 12;
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रुद्राष्टकम् - नमामीशमीशान निर्वाणरूपं व...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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रुद्राष्टकं - नमामीशमीशान निर्वाणरूपं व...
देवी देवतांची अष्टके, आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय. Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
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insolent
Meanings: 7;
Dictionaries: 3;
Tags:
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impertinent
Meanings: 13;
Dictionaries: 5;
Tags: দুসাহসী, দঃসাহসী, दुसाहसि, দসাহসী, টীঠ, দুঃসাহসী, દુ, ઢીઠતા, અવિચારી, दुस्साहसी, ढीठ, दुःसाहसी, تیز, جَلٕد باز, अती_धाडशी, अतीच साहसी, अतीच धाडसी, जास्तच साहसी, जास्तच धाडसी, दुसाहसी, ଦୁଃସାହସୀ, ਢੀਠ, ਅਣਉਚਿਤ ਹਿੰਮਤ, दुःसाहसिन्, దుస్సాహసి, گستاخ, ڈھیٹ, بےباک
Type: WORD | Rank: 0.01807335 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १४
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
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rude
Meanings: 12;
Dictionaries: 6;
Tags: অভদ্র, অসভ্য, অমার্জিত, অশিষ্ট, ৰুঢ়, হুটা, অসভ্য, অভদ্র, অভব্য, অশিষ্ট, জঠংমঠং, অশালীন, কেঁ্চা, आबुर गैयि, खाब्रां, आब्रु गैयि, असब्भ, असाब्य, जाम्बा, आबलांगा, सोद्रोम नङि, आदुवा, गोथां, স্পষ্ঠবক্তা, স্পষ্ঠভাষী, অসভ্য, অভদ্র, অশিষ্ঠ, অভব্য, বেয়াদব, আচারহীন, কাঁচা, অসংষ্কৃত, અસભ્ય, અવિનયી, બેઅદબ, ઉદ્ધત, અશિષ્ટ, અણઘડ, ગ્રામ્ય, જંગલી, અસંસ્કારી, અભદ્ર, અસાધુ, દુષ્ટ, ખરાબ, આચારભ્રષ્ટ, લઠ્ઠ, अक्खड़, असभ्य, अशिष्ट, गँवार, संस्कारहीन, असंस्कृत, बेहूदा, शिष्टाचारहीन, शीलहीन, बेअदब, बदतमीज़, बदतमीज, आचारहीन, अभद्र, लंठ, लट्ठमार, उजड्ड, अक्खड़, उज्जट, उज्झड़, शीलरहित, रूखा, जंगली, गुस्ताख़, गुस्ताख, रुक्ष, रूख, भोंडा, अभव्य, रूढ़, असाई, असाधु, आचारभ्रष्ट, उठंगल, कच्चा, بےٚ شَرَم, بےٚ حَیا, بدتٔمیٖز, جٲہِل, بدتمیٖز, کوٚچ, اومُے, निग्रही, अप्रामाणीक, असभ्य, फटींग, असुसंस्कृत, कच्चें, അപരിഷ്കൃതമായ, മാന്യമല്ലാത്ത, സംസ്കാരമില്ലാത്ത പ്രാകൃതപ്പെരുമാറ്റമുള്ള, स्पष्टवक्ता, निर्भीड, असभ्य, अशिष्ट, वाईट, अभद्र, ग्राम्य, कच्चा, अक्खड, असभ्य, अभद्र, अशिष्ट, काँचो, ଅଖଣ୍ଡ, ଅସଭ୍ୟ, ଅଶିଷ୍ଟ, ଅସାଧୁ, ରୂଢ, ରୁକ୍ଷ, ସଂସ୍କାରହୀନ, ଅଂସସ୍କୃତ, ଶିଷ୍ଟାଚାରହୀନ, ଅଶ୍ଳୀଳ, କଞ୍ଚା|, ਅੱਖੜ, ਉਜੱੜ, ਗੰਵਾਰਾ, ਬਦਤਮੀਜੀ, ਬੇਹੁਦਾ, ਬੇਅਦਬ, ਰੂਖਾ, ਆਚਾਰਹੀਨ, ਬਕਵਾਸ, ਕੱਚਾ, असभ्यः, अशिष्टः, संस्कारहीनः, असंस्कृतः, असाधुः, మూర్ఖ, మోటైన, మొరటైన, అడవిమనిషివలె, సంస్కారహీనమువలె, ఆచారహీనునివలె, పచ్చిసరకు, ముడిసరకు, اکھڑ, بےتکلف, غیر تہذیب یا فتہ, بے ادب, بد تمیز, گنوار, جاہل, بے ہودہ, بد اخلاق, نا شائستہ, گستاخ, جنگلی, روکھا, بھونڈا", کچا, خام
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presume
Meanings: 21;
Dictionaries: 6;
Tags:
Type: WORD | Rank: 0.01445868 | Lang: NA
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प्रगल्भ
Meanings: 44;
Dictionaries: 8;
Tags: pragalbha, जौगासारनाय, ಪರಿಪಕ್ವ, بالیغ, परिपक्व, പരിപക്വമായ, ପରିପକ୍ୱ, ਪ੍ਰੌੜ, முதிர்ந்த, బలిష్టమైన, باصلاحیت, پختہ, بالغ
Type: WORD | Rank: 0.01265134 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १३
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01252158 | Lang: NA
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - पञ्चत्रिंशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
Type: PAGE | Rank: 0.01084401 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १२
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01022383 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय २०
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01022383 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय ११
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01022383 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १५
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01022383 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय ८
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.007667872 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १०
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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किरातार्जुनीयम् - प्रसंग १४
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय २२
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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रघुवंश - तृतीय: सर्ग:
महाकवी कालिदासाने ’रघुवंश’ या महाकाव्यातील एकोणीस भागात राजा दिलीप, त्याचा पुत्र रघु, रघुचा पुत्र अज, अजचा पुत्र दशरथ, दशरथाचा पुत्र राम आणि त्याचे पुत्र लव आणि कुश यांचे चरित्र वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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रघुवंश - द्वितीय: सर्ग:
महाकवी कालिदासाने ’रघुवंश’ या महाकाव्यातील एकोणीस भागात राजा दिलीप, त्याचा पुत्र रघु, रघुचा पुत्र अज, अजचा पुत्र दशरथ, दशरथाचा पुत्र राम आणि त्याचे पुत्र लव आणि कुश यांचे चरित्र वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय ९
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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पूर्वखण्डः - अध्याय १७
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
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पूर्वखण्डः - अध्याय २३
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: PAGE | Rank: 0.007229339 | Lang: NA
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उत्तरभागः - अध्यायः २९
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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प्रकीर्ण-काण्डः - सर्ग २
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
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उत्तरकाण्ड - दोहा १०१ से ११०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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श्रीमच्छङ्करदिग्विजय: - अष्टम: सर्ग:
श्रीविद्यारण्यविरचित: श्रीमच्छडरदिग्विजय: ॥
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श्रीदत्तचंपू: - प्रथमस्तबक:
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृतं श्रीगुरुचरित्रकाव्यम्
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