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bodement
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सञ्चरणम्
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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क्षाणम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sake
Meanings: 8; in Dictionaries: 3
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feint
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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incitement
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
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pretext
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
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धर्मसिंधु - अथ स्मृत्युक्तानिः
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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auspice
Meanings: 8; in Dictionaries: 3
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प्रथमांशुः - स्नातकधर्माः
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
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सर्ववेदसारसंग्रहः - पञ्चभूतसृष्टिः
' सर्ववेदान्तसिद्धान्तसारसंग्रहः' यात सर्व वेदांतील सार सोप्या भाषेत कथन केले असून, वेद वाचल्याचा आनंद मिळतो.
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inducement
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
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prognostic
Meanings: 13; in Dictionaries: 4
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omen
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
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विष्णोर्नाम गीता - भजन १०६
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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रूपकालंकारः - लक्षण ९
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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बृहद्यात्रा - श्वेङ्गित
‘ गणित ज्योतिष' या विषयावरील वराहमिहीराने लिहीलेला हा ग्रंथ ज्योतिषप्रेमींसठी अत्यंत उपयोगी आहे
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pretence
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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विशेषोक्ति अलंकारः - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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impulse
Meanings: 29; in Dictionaries: 17
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incentive
Meanings: 33; in Dictionaries: 12
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necessity
Meanings: 14; in Dictionaries: 8
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bode
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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बृहद्यात्रा - चित्तशुद्धि
‘ गणित ज्योतिष' या विषयावरील वराहमिहीराने लिहीलेला हा ग्रंथ ज्योतिषप्रेमींसठी अत्यंत उपयोगी आहे
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नवमोऽध्यायः - द्वितीयमह्निकम्
वैशेषिकदर्शनम् या ग्रंथाचे मूळ प्रवर्तक ऋषि कणाद होत. ई.पू. दुसर्या शतकात याची निर्मिती केली गेली.
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विष्णोर्नाम गीता - भजन ४०
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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augur
Meanings: 6; in Dictionaries: 2
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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motive
Meanings: 55; in Dictionaries: 13
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plea
Meanings: 26; in Dictionaries: 6
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instrument
Meanings: 58; in Dictionaries: 22
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पदकांड - अधिकरणाधिकारः
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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पदकांड - गुणसमुदेशः
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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plead
Meanings: 8; in Dictionaries: 3
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अनुपद्
Meanings: 14; in Dictionaries: 3
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excuse
Meanings: 18; in Dictionaries: 5
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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occasion
Meanings: 17; in Dictionaries: 5
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consequence
Meanings: 19; in Dictionaries: 7
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score
Meanings: 37; in Dictionaries: 9
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उत्प्रेक्षा अलंकारः - लक्षण ८
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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चर्यापदः - सपिण्डीकरणविधिपटलः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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पदकांड - अपादानाधिकारः
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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अथ चर्यापादः - सपिण्डीकरणविधिपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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consideration
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
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निमित्तम्
Meanings: 19; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.01415939 | Lang: NA
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नलोपाख्यानम् - त्रयोविंशतितमोsध्याय:
` नलोपाख्यन ` ही नल आणि दमयंती यांची महाभारतातील एक सुरेख प्रेमकथा आहे.
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चतुर्थं ब्राम्हणम् - भाष्यं ४
सदर ग्रंथाचे लेखक विष्णुशास्त्री वामन बापट (जन्म: पाऊनवल्ली-राजापूर तालुका, रत्नागिरी जिल्हा, मे २२, इ.स. १८७१; मृत्यू : डिसेंबर २०, इ.स. १९३२) हे महाराष्ट्रातील एक शांकरमतानुयायी अद्वैती, प्राचीन संस्कृत वाङ्मयाचे भाषांतरकार आणि भाष्यकार होते.
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object
Meanings: 54; in Dictionaries: 14
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