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opera
Meanings: 5;
Dictionaries: 5;
Tags: ओपेरा, ऑपेरा, ओपॅरा
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Tags: N/A
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dancing
Meanings: 2;
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समाराधनम्
Meanings: 3;
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Tags: samārādhanam,
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Tags: N/A
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dance
Meanings: 12;
Dictionaries: 5
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चित्रकथा
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Tags: کارٹوٗن, कार्टून, കാര്ട്ടുണ് ചിത്രങ്ങള്, କାର୍ଟୁନ, کارٹون सावथुन आदब, প্লট, પટકથા, पटकथा, ಚಿತ್ರಕಥೆ, لیٚکھِتھ تحریٖر, संहिता, തിരക്കഥ, ꯋꯥꯔꯤ꯭ꯄꯔꯤꯡ, ପଟକଥା, ਪਟਕਥਾ, வசனம், చిత్రకథ, اسکرپٹ
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drama
Meanings: 30;
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Tags: নাটক, নাট, নাট্য, নাটিকা, फावथाइ, फावथिना, थुफावथिना, नाइजाब, नाटक, নাটক, નાટક, દૃશ્ય કાવ્ય, नाटक, महारूपक, ناٹِک, ڈرٛاما, پٲتھٕر, नाटक, നാടകം, ନାଟକ, ମହାରୂପକ, ਨਾਟਕ, ਡਰਾਮਾ, नाटकम्, प्रकरणम्, रूपम्, रूपकम्, నాటకము, రూపకము, ڈرامہ, ناٹک
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नाट्यम्
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Tags: nāṭyam, নাট্যকলা, फावथाइ आरिमु, નાટ્યકલા, नाट्यकला, ನಾಟಕಕಲೆ, ناٹَک بٲزی, നാട്യകല, ꯁꯛꯇꯝ꯭ꯂꯥꯡꯕꯒꯤ꯭ꯃꯍꯩ, ନାଟ୍ୟକଳା, ਨਾਟਕ ਕਲਾ, நாடகக்கலை, నాట్యకళ, فن ڈرامہ নাট্য, फाथाइ, નાટક, नाटक, ನಾಟಕ, ناٹَک, നാടകം, ꯅꯥꯇꯛ, ନାଟକ, ਨਾਟਕ, நாடகம், నాట్యం, ڈرامہ
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performance
Meanings: 53;
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Tags: সম্পাদন, जोबथि, फोजोबनाय, सम्पादन, संपादन, اَنٛد, خٲتمہٕ, संपादन, null, सम्पादन, ସଂପାଦନ, ਸੰਪਾਦਨ, अनुष्ठानम्, आचरणम्, विधानम्, करणम्, सम्पादनम्, निष्पत्तिः, सिद्धिः, निर्वाहः, निर्वहणम्, చేయుట, నెరవేర్చుట, సరిచేయుట, تعمیل, تکمیل, بجا آوری, عمل آوری
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नाट्यवर्गः - श्लोक ४०७ ते ४४०
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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खण्डः ३ - अध्यायः ०२०
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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चतुर्थः स्कन्धः - अथ पंचदशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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नाट्यशास्त्रम् - अथ प्रथमोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
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खण्डः ३ - अध्यायः ०२९
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ३
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०२८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ३४
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः ४३
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ३५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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नाट्यशास्त्रम् - अथ अष्टमोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
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रुचि
Meanings: 73;
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Tags: ruciḥ, ruci, ৰুচি, लुबैनाय, রুচি, ઇચ્છા, مَرضی, आवड, पसंती, रुचि, ରୁଚି, ਰੁਚੀ, अभिरुचिः, కోరిక, دلچسپی, پسند, شوق, رغبت, چاہت, خواہش, مزہ, لطف روچی رُچی, रुचि, रुचिः, رُوچِی رُچی, रुचि, रुचिः, رُوچِی روچی رُچی, रुचिः, رُوچِی ৰুচি, लुबैनाय, রুচি, ઇચ્છા, रुचि, مَرضی, आवड, पसंती, ରୁଚି, ਰੁਚੀ, अभिरुचिः, కోరిక, دلچسپی, پسند, شوق, رغبت, چاہت, خواہش, مزہ, لطف
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अंशुमत्काश्यपागमः - मानादिसूत्रलक्षणपटलः
वास्तुशास्त्रावरील एक असामान्य ग्रंथ..
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १६८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अध्याय ३६० - स्वर्गपातालादिवर्गाः
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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नाट्यशास्त्रम् - अथ षष्ठोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
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नाट्यशास्त्रम् - अथ द्वितीयोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे .
Type: PAGE | Rank: 0.005809313 | Lang: NA
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २९९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ४४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः २०८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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पुरुषोत्तमसंहिता - चतुर्विंशोध्यायः
पुरुषोत्तम
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शृङ्गारतिलक - प्रथमः परिच्छेदः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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श्रीशक्तिसङ्ग्मतन्त्रम् - त्रयोदशः पटलः ।
तंत्र शास्त्र भारताची एक प्राचीन विद्या आहे. तंत्र ग्रंथ भगवान शिवाच्या मुखातून प्रकट झाले आहेत. त्यांना पवित्र आणि प्रामाणिक मानले आहेत. Tantra shastra is a secret and most powerful science of the Indian culture and religion. It is a most powerful science which Indian Rushis have practised for centuries and still it is in practise.
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रत्नावली - चतुर्थोङ्कः
‘ रत्नावली’ नाटकात हर्षाने प्राकृत भाषांपैकी शौरसेनीचा मुख्यत्वेंकरून उपयोग केला आहे.
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नाट्यशास्त्रम् - अथ चतुर्थोऽध्यायः
भरत मुनींनी नाट्य शास्त्राची निर्मिती प्रत्यक्ष ब्रह्मदेवाच्या सांगण्यावरून केली असा समज आहे.
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साहित्य दर्पण - षष्ठः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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