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fluxibility
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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diffluence
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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fusibility
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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ductileness
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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liquidity
Meanings: 15; in Dictionaries: 9
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liquefaction
Meanings: 8; in Dictionaries: 5
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melting
Meanings: 8; in Dictionaries: 6
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distillation
Meanings: 22; in Dictionaries: 12
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solution
Meanings: 31; in Dictionaries: 16
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fusion
Meanings: 42; in Dictionaries: 15
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liquefy
Meanings: 10; in Dictionaries: 4
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liquid
Meanings: 27; in Dictionaries: 14
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ५४
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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उपशमप्रकरणम् - सर्गः ५७
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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fuse
Meanings: 30; in Dictionaries: 10
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ९७
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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प्रेमसूक्तिः
भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है।
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रसहृदयतंत्र - अध्याय ३
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री श्री गोविन्द भगवतपाद जो शंकराचार्य के गुरु थे, द्वारा रचित ‘रसहृदयतन्त्र' ग्रंथ काफी लोकप्रिय है।
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ३५
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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भक्तिरसायनम् - प्रथमोल्लासः
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ४३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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उत्पत्तिप्रकरणम् - सर्गः ११
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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मथुराखण्डः - अध्यायः २२
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ६१
योगवासिष्ठः
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ४२
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः २
योगवासिष्ठः
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ६०
योगवासिष्ठः
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उत्पत्तिप्रकरणम् - सर्गः १३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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मिमांसा - भाग ८
जैमिनी कृत मिमांसात अतिशय उत्तम रितीने संसारातील तत्वज्ञान सांगितले आहे .
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ४
योगवासिष्ठः
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तर्कसंग्रह - अथ तृतीयोऽध्याय
’तर्कसंग्रह’ग्रंथातील आठ अध्यायातून तर्कशास्त्राचे अचूक ज्ञान मिळते.
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उत्पत्तिप्रकरणं - सर्गः ८१
योगवासिष्ठः
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः १०३
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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रसविद्या - भाग २५
रसविद्या, मध्यकालीन भारतातील जी आयुर्वेदीक विद्या आहे, त्यातील एक अग्रणी ग्रंथ म्हणजे आनंदकंद.
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शारीरस्थान - कतिधापुरुषीयं शारीरं व्याख्यास्यामः
चरक संहिता आयुर्वेदासंबंधी एक प्रसिद्ध ग्रन्थ आहे. हा ग्रंथ संस्कृत भाषेत आहे. या ग्रंथाचे उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आणि प्रतिसंस्कारक चरक हे होत. Charaka Sanhita is believed to be the oldest Ayurvedic text on internal medicine.
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रसेन्द्रचिन्तामणि - अध्यायः ३
रसेन्द्रचिन्तामणि चौदाव्या शतकांतील गद्यपद्य मिश्रित ग्रंथ आहे.
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तत्वमुक्ताकलापे - अद्रव्यसर:
वेदान्त देशिक उर्फ वेंकटनाथ (१२६८-१३७०) हे वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक आणि आचार्य सुद्धां होते.
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रक्तवहस्त्रोतस् - रक्तपित्त
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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उदकवहस्त्रोतस् - उदर
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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