-
hair-cutter
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07590068 | Lang: NA
-
feller
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.07590068 | Lang: NA
-
solver
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06072054 | Lang: NA
-
lopper
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06072054 | Lang: NA
-
wood cutter
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06072054 | Lang: NA
-
hewer
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05313048 | Lang: NA
-
reaper
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.03795034 | Lang: NA
-
cutter
Meanings: 18; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 0.01897517 | Lang: NA
-
श्रीवासुदेवानंदसरस्वतीचरितम्
श्रीवासुदेवानंदसरस्वतीचरितम्
Type: PAGE | Rank: 0.01518014 | Lang: NA
-
अथैकत्रिंशः पटलः - डाकिणीस्वरूपकथनम्
भेदिन्यादिस्तोत्रकथनम्
Type: PAGE | Rank: 0.01328262 | Lang: NA
-
तृतीयः स्कन्धः - अध्यायः २४
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0113851 | Lang: NA
-
उपपद्
Meanings: 21; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.0113851 | Lang: NA
-
resolve
Meanings: 45; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.0113851 | Lang: NA
-
संशय
Meanings: 36; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 0.0113851 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २२७
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.009487585 | Lang: NA
-
पंचरत्नगीता - अध्यायः ६
श्रीमद्भगवद्गीतामाहात्म्यम्
Type: PAGE | Rank: 0.009487585 | Lang: NA
-
वनप्रवेशो नाम षोडशोऽध्यायः
समराङ्गणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी।
Type: PAGE | Rank: 0.009487585 | Lang: NA
-
तृतीयः स्कन्धः - अथ चतुर्विशोऽध्याय
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.009487585 | Lang: NA
-
सूर्य सिद्धांत - भूगोलाध्यायः
सूर्य सिद्धांत म्हणजे भारतीय खगोलशास्त्रावरील टीका आहे . हा ग्रंथ वराहमिहीरने लिहीला . याचे प्राचीन उल्लेख बौद्ध काळी तिसर्या शतकात मिळतात .
Type: PAGE | Rank: 0.007590068 | Lang: NA
-
अध्याय ६ वा - श्लोक ३१ ते ४०
स्वामी स्वरूपानंद ह्या थोर सत्पुरूषाने ‘ अभंग ज्ञानेश्वरी ‘ नामक अत्यंत सुबोध , नितांत सुंदर आणि परम रसाळ असा अभंगात्मक ग्रंथ लिहीला .
Type: PAGE | Rank: 0.007590068 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १७९
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.007590068 | Lang: NA
-
त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ४०
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.00664131 | Lang: NA
-
वामनपुराण - अध्याय ४७ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
Type: PAGE | Rank: 0.005692551 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ४०
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005692551 | Lang: NA
-
श्रीवामनपुराण - अध्याय ४७
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
Type: PAGE | Rank: 0.005692551 | Lang: NA
-
ऋषभगीता
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे.
Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
Type: PAGE | Rank: 0.005692551 | Lang: NA
-
रामानुजभाष्य - अध्याय ६
वेदान्तचा शाब्दिक अर्थ आहे, वेदांचा अंत अथवा सार. ही ज्ञानयोगाची एक शाखा आहे, जी व्यक्तिला ज्ञान प्राप्तिच्या दिशेने उत्प्रेरित करते. वेदान्तच्या तीन मुख्य शाखा आहेत, अद्वैत वेदांत, विशिष्ट अद्वैत आणि द्वैत.
Type: PAGE | Rank: 0.004743793 | Lang: NA
-
अध्याय ७० वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.004743793 | Lang: NA
-
पूर्वार्धम् - अध्यायः ३०
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003795034 | Lang: NA
-
पाद ३ - खण्ड १५
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003320655 | Lang: NA
-
ज्ञानेश्वरी अध्याय ६
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.002846275 | Lang: NA
-
ब्रह्मन्
Meanings: 329; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.002846275 | Lang: NA
-
द्वितीय पाद - व्याकरण शास्त्रका वर्णन
` नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
Type: PAGE | Rank: 0.002371896 | Lang: NA
-
विवेकसार - षोडश वर्णकम्
श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीमद्रामेन्द्र यांचे शिष्य श्रीमद्वासुदेवेन्द्रस्वामी या सत्पुरूषांनी संस्कृत भाषेत " विवेकसार " गद्यग्रंथ रचला .
Type: PAGE | Rank: 0.002371896 | Lang: NA