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diaper
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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॥ अथ क्षौमादितैलगुणाः ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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lawn
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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silk
Meanings: 11; in Dictionaries: 6
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wove
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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उत्तरमेघ - श्लोक ११ ते १५
महाकवी कालिदास यांच्या मेघदूत काव्याचे मराठी समवृत्त व समश्लोकी भाषांतर.
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मेघदूत उत्तरमेघा - श्लोक ६ ते १०
"मेघदूत" की लोकप्रियता भारतीय साहित्य में प्राचीन काल से ही रही है।
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linen
Meanings: 13; in Dictionaries: 7
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चीरम्
Meanings: 15; in Dictionaries: 2
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माङ्गल्य
Meanings: 13; in Dictionaries: 3
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खण्डः ३ - अध्यायः ३१३
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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आचाराध्यायः - द्रव्यशुद्धिप्रकरणम्
चित्तशुद्धीनें विचाराची योग्यता येते आणि वेदान्तविचाराने संसारापासून मोक्ष होतो , हेच ठामपणे याज्ञवल्क्यस्मृतित सांगितले आहे .
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आचाराध्यायः - द्रव्यशुद्धिप्रकरणम्
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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विष्णुस्मृतिः - अध्यायः ४४
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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श्रीहरिवंशमाहात्म्यम् - पञ्चमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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बृहत्संहिताः - अध्याय २६
’बृहत्संहिता’ ग्रंथात वास्तुविद्या, भवन निर्माण कला, वायुमंडळाची रचना, वृक्ष आयुर्वेद इ. विषय अंतर्भूत आहेत.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १३१ - १४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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मनुष्यवर्गः - श्लोक ७३१ ते ७७०
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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भिक्षाटनकाव्यम् - सप्तदशी पद्धतिः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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क्षौम
Meanings: 25; in Dictionaries: 3
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २७६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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खण्डः २ - अध्यायः १२०
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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अध्याय ९ वा - श्लोक ३ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रावणमास: - श्रीकृष्णपूजाविधि:
सर्व जगतात हिंदू धर्माची व्याख्या होते ती, धर्मातील उपासना आणि उत्सवप्रियतेमुळे, आणि यांना जोड असते व्रत-वैकल्याची आणि धार्मिक पूजेची.
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उमासहस्रम् - अष्टादशः स्तबकः
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २६ - ३०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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मृद्
Meanings: 42; in Dictionaries: 4
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बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् - अध्याय ३
` बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम्` हा ग्रंथ म्हणजे ज्योतिष शास्त्रातील मैलाचा दगड होय.
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पुरुषोत्तमसंहिता - एकानविंशोध्यायः
पुरुषोत्तम
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सप्तमः स्कन्धः - अथ त्रयोदशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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शाट्यायनीयोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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शाट्यायनीयोपनिषत्
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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द्वितीयाष्टक - अष्टमोsध्याय:
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत " श्रीदत्तपुराणम् "
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आचारकाण्डः - अध्यायः १६९
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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पुरुषोत्तमसंहिता - अष्टादशोध्यायः
पुरुषोत्तम
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आचारकाण्डः - अध्यायः ४३
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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सूत्रस्थानम् - एकोनत्रिंशोऽध्यायः
हिन्दू धर्मातील पवित्र आणि सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदांतील मन्त्रांचे खण्ड म्हणजेच संहिता.
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अर्थशास्त्रम् अध्याय ०२ - भाग ११
अर्थशास्त्र या ग्रंथात राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय आणि राजनीति वगैरे विभिन्न विषयांवर विचार केला गेला आहे.
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मार्कण्डेयपुराणम् - पञ्चदशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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पूर्वपूजा
दिपावली म्हणजे दीपोत्सव हा उत्सव साजरा करुन भोवतालचा अंधार नाहीसा करणे आणि प्रकाशाच्या वाटेने जाणे.
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विश्वक्सेनासंहिता - षोडशोऽध्याय:
विश्वक्सेनासंहिता
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मध्यम भागः - अध्यायः ११
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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पूजा विधी - श्री महालक्ष्मी पूजनम्
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान , पूजा , संध्या , देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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सुप्रभेदागमः - लिङ्गप्रतिष्ठाविधिपटलः
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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॥ अथ तैलानि ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५६७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अथ क्रियापादः - लिङ्गप्रतिष्ठाविधिपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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उत्तरभागः - अध्यायः ७३
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः २१७
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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विश्वामित्रसंहिता - पञ्चविंशोऽध्याय:
विश्वामित्रसंहिता
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