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घरांत येतें बाहेर जातें, सारीं कामं मीच करतें
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धमिन्
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lief
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discretionally
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अवमेह
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spontaneously
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willingly
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सैत्यम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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अनभ्यावृत्ति
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पयस्यति
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heartily
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रामजोशी - वन्दे श्रीगजमुखमगजनिबालम...
रामजोशांनी लिहिलेली कविता मोठी मधुर, अर्थसंपन्न व प्रासअनुप्रासांची पैंजणे घालून ठुमकणारी अशी आहे. शृंगारपर, उपदेशपर व देवदैवतविषयक अशा अनेक प्रकारच्या लावण्या रामजोशांनी लिहिल्या.
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voluntarily
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wilfully
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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विप्रकृष्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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संशयरत्नमाला - उपसंहार
मोरोपन्त (मोरेश्वर रामजी पराडकर, १७२९–१७९४) यांच्या संशयरत्नमाला काव्याचा मुकुन्द गणेश मिरजकर यांनी संस्कृतानुवाद केला.
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fain
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अवबन्ध्
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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readily
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क्षमितृ
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
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पर्यागम्
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कामम्
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freely
Meanings: 14; in Dictionaries: 5
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एकनाथी भागवत - श्लोक २९ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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चैत्रकृष्णौकादश्यां छ्न्दोदेवपूजावर्णनम्
नीलमत पुराण अंदाजे सहाव्या ते आठव्या शतकातील ग्रंथ आहे, यात कश्मीरमधील इतिहास, भूगोल, धर्म आणि लोकगाथांबद्दल विपुल माहीती आहे.
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कर्तुमकर्तुमन्यथाकर्तु (शक्ति)
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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reluctant
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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मनसिज
Meanings: 10; in Dictionaries: 4
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वैराग्यम्
Meanings: 8; in Dictionaries: 2
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श्रीगोगोवत्सकश्रीगोपालस्तुति:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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श्रीसरस्वती ( प्रभासपत्तन ) स्तुति
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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easily
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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गांधीलमाशा, कवडे आणि शेतकरी
इसापने रचलेल्या गोष्टी केवळ उपदेशपर नसून अत्यंत रंजक आहेत.
Many stories included in Aesop's Fables, are distinguished by its own special characteristics and moral.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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गीतगोविन्दम् - द्वितीयः सर्गः - गीतम् ५
गीतगोविन्दम्
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चालत्या गाड्याला खीळ घालणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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उपाख्या
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
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प्रतिया
Meanings: 6; in Dictionaries: 3
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प्रकृष्
Meanings: 11; in Dictionaries: 3
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संमुख
Meanings: 12; in Dictionaries: 3
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वेदस्तुति - श्लोक ४४
' हरिवरदा ’ ग्रंथातील वेदस्तुती भागाची ही रसाळ प्राकृत भाषेत स्वामी श्रीकृष्णदयार्णव स्वामींनी लिहीलेली टीका आहे.
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खण्डः २ - अध्यायः ०५८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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मण्डल ८ - सूक्तं ९९
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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मण्डल ७ - सूक्तं ६२
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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खण्डः ३ - अध्यायः २४१
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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अष्टमः स्कन्धः - अथ चतुर्दशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०५४
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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॥ अथ तमकस्यैव पित्तानुबन्धाज्ज्वरादियोगेन प्रतमकसंज्ञामाह ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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श्रीमञ्जुमञ्जुनाथस्तुति:
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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मण्डल १ - सूक्तं १७८
ऋग्वेद फार प्राचीन वेद आहे. यात १० मंडल आणि १०५५२ मंत्र आहेत. ऋग्वेद म्हणजे ऋषींनी देवतांची केलेली प्रार्थना आणि स्तुति.
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