-
legal
Meanings: 23; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.0172784 | Lang: NA
-
श्री गणेश गीता - अथ द्वितीयोध्यायः
श्रीमद्गणेश गीतेचे पठन केल्याने अनेक चतुर्थींचे फळ मिळते.
Type: PAGE | Rank: 0.010799 | Lang: NA
-
ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः १२५
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.010799 | Lang: NA
-
श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय ६
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
Type: PAGE | Rank: 0.008639202 | Lang: NA
-
सप्तमः स्कन्धः - अथ पंचदशोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
Type: PAGE | Rank: 0.008639202 | Lang: NA
-
प्राकृत मनन - अध्याय अकरावा
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
Type: PAGE | Rank: 0.008639202 | Lang: NA
-
कथाकल्पतरू - स्तबक १० - अध्याय ४
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005399501 | Lang: NA
-
रामानुजभाष्य - अध्याय ३
वेदान्तचा शाब्दिक अर्थ आहे, वेदांचा अंत अथवा सार. ही ज्ञानयोगाची एक शाखा आहे, जी व्यक्तिला ज्ञान प्राप्तिच्या दिशेने उत्प्रेरित करते. वेदान्तच्या तीन मुख्य शाखा आहेत, अद्वैत वेदांत, विशिष्ट अद्वैत आणि द्वैत.
Type: PAGE | Rank: 0.005399501 | Lang: NA
-
कर्म
Meanings: 89; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.005399501 | Lang: NA
-
अध्याय ८० वा - श्लोक ३१
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.004319601 | Lang: NA
-
योग
Meanings: 284; in Dictionaries: 13
Type: WORD | Rank: 0.004319601 | Lang: NA
-
श्रीसिद्धचरित्र - अध्याय चाळिसावा
श्रीपतिनाथ विरचित श्रीसिद्धचरित्र ग्रंथ शके १८०५ (इ.स.१८८३) मध्ये लिहीला.
Type: PAGE | Rank: 0.003779651 | Lang: NA
-
सूत्रस्थान - भाग ४
चरक संहिता आयुर्वेदासंबंधी एक प्रसिद्ध ग्रन्थ आहे. हा ग्रंथ संस्कृत भाषेत आहे. या ग्रंथाचे उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश आणि प्रतिसंस्कारक चरक हे होत. Charaka Sanhita is believed to be the oldest Ayurvedic text on internal medicine.
Type: PAGE | Rank: 0.003239701 | Lang: NA
-
ज्ञानेश्वरी अध्याय ६
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.003239701 | Lang: NA
-
दशक सातवा - चौदा ब्रह्मांचा
दशक सातवा - चौदा ब्रह्मांचा
Type: PAGE | Rank: 0.003239701 | Lang: NA