-
आठुळणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06344361 | Lang: NA
-
oven
Meanings: 16; in Dictionaries: 11
Type: WORD | Rank: 0.0317218 | Lang: NA
-
bake
Meanings: 7; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.0317218 | Lang: NA
-
fry
Meanings: 9; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02379135 | Lang: NA
-
अबोध
Meanings: 20; in Dictionaries: 6
Type: WORD | Rank: 0.02379135 | Lang: NA
-
मदालसाचे अंगाई गीत
मदालसाचे अंगाई गीत
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
उपदेश - जनांस उपदेश ११ ते १३
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
मदालसा - अभंग ७३४
श्रीज्ञानेश्वर महाराजांची गाथा म्हणजे विठ्ठल प्राप्तीचा एक सोपा मार्ग. यात विठ्ठ्लाच्या सगुणनिर्गुण रूपाचे मोहक वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
पदसंग्रह - पदे ६२६ ते ६३०
रंगनाथ स्वामींचा जन्म शके १५३४ परिघाविसंवत्सर मार्गशीर्ष शुद्ध १० रोजीं झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
आदिखंड - सूत्र न्याय
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
अध्याय ६९ वा - आरंभ
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.0158609 | Lang: NA
-
प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त १२३ वे
विधिविहित नित्यकर्म (संध्यादि) न केल्यामुळे, पाप केल्याने व सुरा इत्यादि निषिद्ध पदार्थांचे सेवन केल्यानें त्याच्या शुद्धिसाठी जें कर्म सांगण्यात येतें तें प्रायश्चित्त होय.
Type: PAGE | Rank: 0.01401919 | Lang: NA
-
नवविधा भक्ति - अभंग २५७१ ते २५७२
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.009913064 | Lang: NA
-
आत्मस्थिति - अभंग २०४१ ते २०६०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.007930451 | Lang: NA
-
मदालसा
मदालसा
Type: PAGE | Rank: 0.007930451 | Lang: NA
-
रोगोपचार - उदरवेथा प्रकरण
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे , त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले .
Type: PAGE | Rank: 0.007930451 | Lang: NA
-
विषय - अभंग ३०५२ ते ३०७५
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.007930451 | Lang: NA
-
व्यंकटेशाचीं पदें - पदे १ ते १०
मध्वमुनीश्वरांची कविता
Type: PAGE | Rank: 0.007930451 | Lang: NA
-
मध्यखंड - देहस्थानमान
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
Type: PAGE | Rank: 0.006939145 | Lang: NA
-
बालकाण्ड - दोहा ३११ से ३२०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
Type: PAGE | Rank: 0.006939145 | Lang: NA
-
मध्यखंड - आत्माप्रतिपादन
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
Type: PAGE | Rank: 0.005947839 | Lang: NA
-
मध्यखंड - अष्टदळविवरण
सत्कार्योत्तेजक सभा धुळें, महाराष्ट्रधर्मग्रन्थमाला
Type: PAGE | Rank: 0.005947839 | Lang: NA
-
देवकी बंधमुक्तता - अभंग २६७ ते १७१
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
Type: PAGE | Rank: 0.004956532 | Lang: NA
-
दासोपंताची पदे - पद १६०१ ते १६०५
दासोपंतांच्या वंशजांचीं घराणीं हल्लीं जोगाईच्या आंब्यास व नागपुरप्रांतीं चंद्रपुराकडे नांदत आहेत. ॐ श्रीमदादिगुरवे सर्वज्ञाय स्वपक्षपालाय नमः ॥
Type: PAGE | Rank: 0.004956532 | Lang: NA
-
श्री दत्तप्रबोध - अध्याय पंधरावा
श्री अनंतसुत विठ्ठल उर्फ कावडीबाबा विरचित ’श्री दत्तप्रबोध’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने ’गुरुचरित्र’ पारायणाचे पुण्य मिळते.
Type: PAGE | Rank: 0.003965226 | Lang: NA
-
ज्ञानेश्वरी अध्याय १५
संत ज्ञानेश्वर (जन्म : १२७५) हे १३ व्या शतकातील प्रसिद्ध मराठी संत आणि कवी आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.002478266 | Lang: NA