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परिश्रमं कारय
Meanings: 1;
Dictionaries: 1;
Tags: খটা, मावहो, ಪೀಡಿಸು, دالہٕ والُن, जुंपप, പണിയെടുപ്പിക്കുക, ꯀꯟꯅ꯭ꯅꯣꯝꯕꯍꯡꯕ, जोत्नु, ଖଟେଇବା, ਜੋਤਣ, வாங்கு, చేయించు, مصروف ہونا, جوتنا, گھسنا, رگڑنا
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Tags: N/A
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व्यद्
Meanings: 2;
Dictionaries: 2;
Tags: কুটি থকা, अर, কুটকুট করা, કાતરવું, कुतरना, ಕಚ್ಚಿ ತಿನ್ನು, ژَٹُن, ہَنہِ ہَنہِ ژَٹُن, चांचावप, കടിച്ചെടുക്കുക, कुरतडणे, ꯆꯤꯛꯄ, କୁଟୁ କୁଟୁ କରି କାଟିବା, ਕੁਤਰਨਾ, பல்லால்கடி, కొరకు, کترنا, کھونٹنا, کاٹنا
Type: WORD | Rank: 0.03784071 | Lang: NA
Tags: N/A
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प्रचारिका
Meanings: 3;
Dictionaries: 3;
Tags: মহিলা প্রচারক, પ્રચારિકા, प्रचारिका, ପ୍ରଚାରିକା, ਪ੍ਰਚਾਰਿਕਾ, مبلغہ মহিলা প্রচারক, પ્રચારિકા, प्रचारिका, ପ୍ରଚାରିକା, ਪ੍ਰਚਾਰਿਕਾ, مبلغہ মহিলা প্রচারক, પ્રચારિકા, प्रचारिका, ପ୍ରଚାରିକା, ਪ੍ਰਚਾਰਿਕਾ, مبلغہ
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Tags: N/A
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कौपीनपञ्चकम् - वेदान्तवाक्येषु सदा रमन्त...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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साधन मुक्तावलि - कौपीनपंचक
’ साधन - मुक्तावलि ’ या ग्रंथात सर्व प्रकारचे अभंग आहेत.
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कौपीन पंचकम्
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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यतिपञ्चकम्
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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day
Meanings: 11;
Dictionaries: 6;
Tags: दय्, দিন, দিৱস, তিথি, দিন, দিৱস, দিন, দিৱস, দিবা, অহ্ন, দিনা, অহ, বাৰ, ৰোজ, বাসৰ, দিন, দিৱস, সুদিন, দিন, सान, दिन, सान, दिन, सान, दिन, सान, दिन, दिन, सान, দিন, দিবস, দিনরাত্রি, তিথি, চব্বিশ ঘন্টা, অষ্টপ্রহর, দিবসরজনী, দিবারাত্রি, দিন, দিবস, দিন, দিবস, বেলা, অহ, দিবা, দিনমান, দিবালোক, দিন, দিন, সময়, দিবস, দিন, দিবস, દિવસ, દહાડો, દિન, દી, વાર, રોજ, દિવ, दिन, दिवस, तिथि, अहन्, दिन, दिवस, दिन, दिवस, अह, दिनमान, दिव, दिवा, दिव्, दिहाड़ी, व्युष्ट, द्यु, आहन, दिन, दिवस, दिन, दिवस, दिन, दिवस, دۄہ, دۄہ, دۄہ, دۄہ, دۄہ, وقت, दीस, तीथ, दिन, दीस, दिन, दीस, दीस, दीस, दीस, പകല്, അഹസ്സു, ഘസ്രം, വാസരം, പട്ടാപകല്, दिवस, दिवस, दिवस, दिनमान, दिवस, दिवस, दिवस, दिन, दिन, दिवस, दिन, दिवस, दिन, दिन, सुदिन, ଦିନ, ଦିବସ, ଦିନ, ଦିନ, ଦିବା, ଦିନ, ଦିବସ, ଦିନ, ଦିବସ, ਦਿਨ, ਦਿਵਸ, ਦਿਹੁੰ, ਵਾਰ, ਅੱਠ ਪਹਿਰ, ਡੇਹ, ਡੀਂਹ, ਡੀਹੜਾ, ਦਿਹਾੜੀ, ਦਿਹਾੜਾ, ਬਾਸਰ, ਦਿਨਸ, ਦਿਨ, ਦਿਵਸ, ਵਾਰ, ਦਿਹਾੜਾ, ਦਿਨਸ, ਦਿਹਾੜੀ, ਡੇਹ, ਦਿਨ, ਦਿਹਾੜੀ, ਦਿਵਸ, ਦਿਨ, ਦਿਵਸ, ਦਿਹਾੜਾ, ਦਿਹਾੜੀ, ਡੇਹ, ਦਿਨਸ, ਬਾਸਰ, ਵਾਰ, ਦਿਨ, ਦਿਵਸ, ਦਿਹਾੜਾ, ਦਿਨਸ, ਬਾਸਰ, ਡੇਹ, ਡੀਹੜਾ, वासरः, दिवसः, दिनम्, घस्रः, अहः, भास्वरः, दिवा, वारः, अंशकः, द्युः, अंशकम्, दिवसः, दिनम्, अहः, द्यु, घस्रः, तिथिः, वस्तोः, भानुः, वासरम्, स्वसराणि, दिनम्, दिवसः, अहः, सुदिनम्, सुखम्, பகல், రోజు, దినము, రోజు, రోజు, దినము, అహము, రోజు, రోజు, దినము, روز, یوم, دن, یوم, روز, دن, دن, روز, یوم, روز, دن, وقت, ساعت, وقت, روز, دن, دن, روز, یوم
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साध्वी
Meanings: 18;
Dictionaries: 11;
Tags: sādhvī, সাধুনি, સાધુસ્ત્રી, گۄسٲنۍ باے, साध्वीण, മുനിയുടെ ഭാര്യ, ସାଧ୍ୱୀ, سدھووائن, سدھنی সাধুনি, સાધુસ્ત્રી, گۄسٲنۍ باے, साध्वीण, മുനിയുടെ ഭാര്യ, साध्वी, ସାଧ୍ୱୀ, سدھووائن, سدھنی
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ever
Meanings: 6;
Dictionaries: 4;
Tags: কেতিয়াবা, কোনো সময়ত, সদায়, সর্বদ্া, নিত্য, প্রতিনিয়ত, নিত, নিতে, অহৰহ, সদা, নিতু, প্রতিক্ষণ, অণুক্ষণ, নিৰন্তৰ, নিৰন্তৰে, নিৰৱধি, চিৰকাল, ওৰেও, বাৰেওটিকাল, বাৰেওকাল, माब्लाबा, बबेबा समाव, जेब्लाबो, अरायबो, सानफ्रोमबो, जेब्लायबो, अराय सम, गासै समाव, কখনো, কোনো সময়, কখনও, সবসময়ে, সদা, নিত্য, নিয়ত, সর্বদা, হরদম, নিরন্তন, ક્યારેક, કોઈ સમયે, હંમેશા, સદા, નિત્ય, સદૈવ, સર્વદા, સર્વથા, દર વખતે, દિવસ-રાત, નિરંતર, અહર્નિશ, નિરંતર, રાતદિન, નિત્યદા, कभी, किसी समय, हमेशा, सदा, नित्य, सदैव, नित्य प्रति, सर्वदा, सर्वथा, हरदम, हर वक्त, हर समय, दिन-रात, दिनरात, दिन रात, रात-दिन, रातदिन, निशिदिन, निस-वासर, निसवासर, निशिवासर, निरन्तर, निरंतर, नित्यदा, बराबर, अनवधि, सर्वदैव, अहरह, पिन्ना, अहर्निश, अहोरात्र, کُنہِ وِزِ, زانٛہہ کُنہِ ساتہٕ, کُنہِ کُنہِ وِزِ, خالٕے کُنہِ وِزِ, زانٛہہ کٲلۍ, ہَمیشہٕ, केन्ना, खंयच्या वेळार, केन्नातरी, सदांच, नेमान, चुकनासतना, नित्य, ചിലപ്പോള്, എപ്പോഴും, സദാ, എല്ലായ്പ്പോഴും, एकदा, कधीतरी, कधी, नेहमी, सदैव, सदोदित, सदा, अहर्निश, अहोरात्र, अष्टौप्रहर, तिन्हीत्रिकाळ, त्रिकाळ, तिकाल, दिवसरात्र, रात्रंदिवस, नित्य, सधैँ, नित्य, କେବେ, କୌଣସି ସମୟରେ, କୌଣସି ଅବସରରେ, କେତେବେଳେ, ସବୁବେଳେ, ସବୁସମୟରେ, ପ୍ରତ୍ୟସମୟରେ, ସଦାବେଳେ, ସର୍ବଦା, ଅହରହ, ଅନବରତ, ਕਦੇ, ਕਦੀ, ਕਿਸੇ-ਵੇਲੇ, ਕਿਸੇ-ਸਮੇਂ, ਹਮੇਸ਼ਾ, ਸਦਾ, ਨਿੱਤ, ਦਿਨ ਰਾਤ, ਹਰ ਵੇਲੇ, ਹਰ ਸਮੇਂ, ਹਰਦਮ, ਦਿਨ ਰਾਤ, काले, सदा, नित्यम्, सर्वदा, प्रतिक्षणम्, सर्वशः, सर्वकालम्, शश्वत्, सदम्, आप्रदिवम्, प्रदिवः, शश्वत्, सनात्, अहर्निशम्, प्रत्यहम्, ఎప్పుడైనా, ఏసమయానికైనా, ఎప్పటికినీ, ఎప్పడును, ఎల్లప్పుడునూ, సదా, నిత్యముగా, నిత్తెముగా, సర్వకాలమునూ, సర్వదా, నిరంతరంగా, అవిరామంగా, నిర్విరామంగా, ఎల్లకాలమునూ, కలకాలం, ఎప్పుడూ, అహర్నిశలు, రాత్రి పగలు, అశ్రాంతము, నిరతము, నిరవధికము, శాశ్వతము, సతతము, రేయింబవలు, అహోరాత్రులు, کبھی, کسی وقت, کسی دن, ہمیشہ, سدا, ہردم, ہمہ وقت, روزانہ, مستقل, ہروقت, ہرلمحہ, مسلسل, لگاتار
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अथ ऋक्पुरश्चरणम्
प्रस्तुत ग्रंथात मंत्र, व्याख्यान, मराठी अर्थ आणि मंत्रविधान एकत्र मिळाल्याने जिज्ञासूंची तृप्ती पूर्ण होईल असा विश्वास आहे.
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night
Meanings: 6;
Dictionaries: 4;
Tags: इलाहीरात, इलाही-रात, इलाही रात
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खण्डः ३ - अध्यायः ०१३
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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बृहत्संहिताः - अध्याय ३४
’बृहत्संहिता’ ग्रंथात वास्तुविद्या, भवन निर्माण कला, वायुमंडळाची रचना, वृक्ष आयुर्वेद इ. विषय अंतर्भूत आहेत.
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तृतीय पटल - योगानुष्ठानपद्धतिर्योगाभ्यासवर्णन ५
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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विज्ञानखण्डः - अध्यायः ४
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः ८०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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विज्ञानखण्डः - अध्यायः ३
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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सुभाषितरत्नकोशः - प्रशस्तिव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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विज्ञानखण्डः - अध्यायः ६
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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निर्वाणप्रकरणं - सर्गः ४८
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
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उमासंहिता - अध्यायः १६
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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विष्णुधर्माः - अध्याय ९२
विष्णुधर्माः
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मथुराखण्डः - अध्यायः १३
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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क्रिया कैरव चन्द्रिका - विंशः परिच्छेदः
श्री वराहगुरुणाविरचितायां क्रियाकैरवचन्द्रिकाः
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पार्वतीखण्डः - अध्यायः ५
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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द्वारकाखण्डः - अध्यायः १७
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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विष्णुपर्व - चतुर्नवतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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पंचम पटल - मूलाधारपद्मविवरणम्
महायोगी आदिनाथ श्रीमहादेव विरचित " शिवसंहिता " हा ग्रंथ देवी पार्वतीने विचारलेले प्रश्न व त्या प्रश्नांना श्रीशिवांनी दिलेली उत्तरे या प्रश्नोत्तरांच्या रूपाने अवतरित झाला आहे.
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ब्रह्मखण्डः - अध्यायः १५
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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द्वारकाखण्डः - अध्यायः २
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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किष्किंधाकांडम् - काव्य १५१ ते २००
किष्किन्धाकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील चवथे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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पार्वतीखण्डः - अध्यायः १६
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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श्रीसूक्तविधानम् - पुरश्चरणस्य द्वैविध्यम्
श्रीसूक्तविधानम्
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ८५
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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वामनपुराण - अध्याय ८६ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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पातालखण्डः - अध्यायः ८०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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विग्रहः - कथा ८
हितोपदेश भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं।
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क्रिया कैरव चन्द्रिका - नवमः परिच्छेदः
श्री वराहगुरुणाविरचितायां क्रियाकैरवचन्द्रिकाः
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प्रथमैकरात्रः - तृतीयोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः १९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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सुभाषितरत्नकोशः - शान्तिव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः ९
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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नवसाहसाङ्कचरितम् - प्रथमः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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विष्णुधर्माः - अध्याय ७०
विष्णुधर्माः
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कथामृत - अध्याय पंधरावा
प्रस्तुत कथामृताच्या पारायणाने भक्तगणांना वारंवार विविध मनोहारी अनुभव येतात.
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हर्षचरितम् - द्वितीय उच्छ्वासः
हर्षचरित संस्कृत में बाणबट्ट द्वारा रचित एक ग्रन्थ है। इसमें भारतीय सम्राट हर्ष का जीवनचरित वर्णित है।
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शृङ्गारतिलक - प्रथमः परिच्छेदः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच. शृङ्गारतिलक काव्याचे कवी आहेत,रुद्रभट्ट.
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व्यभिचारिप्रकरणं
रूपगोस्वामी ह्या महान विद्वानाने रचलेला महान् ग्रंथ उज्ज्वलनीलमणिः होय.
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सृष्टिखण्डः - अध्यायः ४८
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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