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indisputably
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confessedly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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questionless
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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evincibly
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incontrovertibly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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indubitably
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infallibly
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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confidently
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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undoubtedly
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incontestably
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assuredly
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doubtless
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certainly
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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असंशय
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evince
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विष्णोर्नाम गीता - भजन ६६
आरंभी सूत्रें अनष्टुप श्लोकाचें चरणरूप असून स्तुतिपर आहेत.
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भगीरथयशःप्राप्तिकथा
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
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doubt
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without
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दत्तगीता - तृतीयोध्यायः
‘ श्रीदत्तात्रेयकल्प :’ अतिशय दुर्मिळ ग्रंथ असून याप्रमाणे श्रीदत्ताची पूजा केल्याने मानवाच्या सर्व विकृत बाधा नष्ट होतात .
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decide
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confess
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assure
Meanings: 17; in Dictionaries: 7
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अवधूत गीता - अध्यायः ४
अवधूत गीता पठन केल्याने सर्व प्रकारच्या अनिष्ठ बाधा दूर होतात .
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दत्तगीता - तृतीयोध्यायः
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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certain
Meanings: 20; in Dictionaries: 7
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १०१ ते १२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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पंचरत्नगीता - अध्यायः ७
श्रीमद्भगवद्गीतामाहात्म्यम्
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विष्णुधर्माः - अध्याय ५०
विष्णुधर्माः
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depend
Meanings: 22; in Dictionaries: 6
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fail
Meanings: 25; in Dictionaries: 6
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course
Meanings: 62; in Dictionaries: 10
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दशावतारचरित्रम् - वराहावतारस्तृतीयः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
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उत्था
Meanings: 18; in Dictionaries: 4
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उपपत्ति
Meanings: 53; in Dictionaries: 7
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क्षत्र
Meanings: 33; in Dictionaries: 7
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सुंदरकांडम् - काव्य १०१ ते १५०
सुन्दरकाण्डम् या प्रकरणातील श्लोकातील पाचवे अक्षर श्री रा म ज य रा म ज य ज य रा म असे आहे.
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उमासंहिता - अध्यायः ३५
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ६३
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ८
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
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पंचरत्नगीता - अध्यायः ६
श्रीमद्भगवद्गीतामाहात्म्यम्
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उत्तरखण्डः - अध्यायः १६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ५५
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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ब्रह्मपुराणम् - अध्यायः ६
ब्रह्मपुराणास आदिपुराण म्हणतात. यात सृष्टीची उत्पती, पृथुचे पावन चरित्र, सूर्य आणि चन्द्रवंशाचे वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि चरित्र, तीर्थांचे माहात्म्य अशा अनेक भक्तिपुरक आख्यानांची सुन्दर चर्चा केलेली आहे.
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शिवभारत - अध्याय दुसरा
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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परिग्रह
Meanings: 86; in Dictionaries: 6
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रामचरितमहाकाव्य - तृतीयः सर्गः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.या काव्याचे कवी आहेत, अभिनन्द.
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रघुवंश - चतुर्दश: सर्ग:
महाकवी कालिदासाने ’रघुवंश ’ या महाकाव्यातील एकोणीस भागात राजा दिलीप , त्याचा पुत्र रघु , रघुचा पुत्र अज , अजचा पुत्र दशरथ , दशरथाचा पुत्र राम आणि त्याचे पुत्र लव आणि कुश यांचे चरित्र वर्णन केले आहे .
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अध्याय ७ वा - श्लोक १ ते ९
स्वामी स्वरूपानंद ह्या थोर सत्पुरूषाने ‘ अभंग ज्ञानेश्वरी ‘ नामक अत्यंत सुबोध , नितांत सुंदर आणि परम रसाळ असा अभंगात्मक ग्रंथ लिहीला .
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पराशरस्मृतिः - नवमोध्यायः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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